Question:

हरेऽव का सन्धि-विच्छेद है :

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आधुनिक शिक्षा प्रणाली को अधिक व्यावहारिक और सामाजिक दृष्टिकोण से जोड़कर उसे और प्रभावी और सशक्त बनाया जा सकता है।
Updated On: Nov 11, 2025
  • हर + अव
  • हरे + अव
  • हरा + व
  • हर: + आव
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The Correct Option is A

Solution and Explanation

आधुनिक शिक्षा प्रणाली ने शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं। यह प्रणाली न केवल ज्ञान की प्राप्ति पर जोर देती है, बल्कि तकनीकी और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी शिक्षा को सक्षम बनाती है। हालांकि, इस प्रणाली के कुछ लाभ और कुछ दोष भी हैं, जिन पर ध्यान देना आवश्यक है। आधुनिक शिक्षा प्रणाली के गुण: सुविधाजनक और सुलभ: आधुनिक शिक्षा प्रणाली ने शिक्षा को अधिक सुलभ बना दिया है। अब विद्यार्थी घर बैठे ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं, जिससे दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले छात्र भी उच्च शिक्षा तक पहुंच सकते हैं। वैश्विक दृष्टिकोण: इस प्रणाली में वैश्विक दृष्टिकोण को महत्व दिया जाता है। छात्रों को दुनिया भर के ज्ञान और संस्कृति से परिचित कराया जाता है, जिससे वे एक अंतर्राष्ट्रीय दृष्टिकोण प्राप्त करते हैं। प्रौद्योगिकी का उपयोग: तकनीकी उपकरणों का उपयोग शिक्षण में किया जाता है। स्मार्ट क्लासरूम, ऑनलाइन कोर्स, डिजिटल लाइब्रेरी और ई-लर्निंग के माध्यम से शिक्षा में सुधार हुआ है। इससे छात्र सीखने में अधिक रुचि लेते हैं और उनका प्रदर्शन बेहतर होता है। व्यक्तिगत विकास: आधुनिक शिक्षा प्रणाली विद्यार्थियों के व्यक्तिगत विकास पर ध्यान देती है। यह उन्हें न केवल शैक्षिक रूप से, बल्कि मानसिक, सामाजिक और शारीरिक रूप से भी सशक्त बनाती है। करियर की दिशा: आधुनिक शिक्षा प्रणाली करियर निर्माण पर भी जोर देती है। यह विद्यार्थियों को उनके रुचियों और क्षमताओं के आधार पर करियर के विभिन्न विकल्पों के लिए मार्गदर्शन प्रदान करती है। आधुनिक शिक्षा प्रणाली के दोष: व्यावहारिक अनुभव की कमी: आधुनिक शिक्षा प्रणाली में अधिक ध्यान थ्योरी पर दिया जाता है, जबकि व्यावहारिक ज्ञान की कमी होती है। छात्रों को वास्तविक जीवन की समस्याओं का सामना करने के लिए पर्याप्त अनुभव नहीं मिलता है। मूल्यांकन का दबाव: इस प्रणाली में परीक्षा और अंकों का अत्यधिक दबाव रहता है, जो छात्रों पर मानसिक तनाव पैदा करता है। यह विद्यार्थियों को सीखने से ज्यादा अंक प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है। समाज और संस्कृति से जुड़ी शिक्षा का अभाव: आधुनिक शिक्षा प्रणाली में पारंपरिक मूल्यों और भारतीय संस्कृति को पर्याप्त स्थान नहीं मिलता है। यह बच्चों को केवल पेशेवर और तकनीकी ज्ञान प्रदान करती है, जबकि सामाजिक और सांस्कृतिक शिक्षा की कमी रहती है। अत्यधिक प्रतिस्पर्धा: आधुनिक शिक्षा प्रणाली में प्रतिस्पर्धा अत्यधिक हो गई है, जिससे छात्रों में मानसिक तनाव और अवसाद की स्थिति उत्पन्न होती है। इससे कभी-कभी शिक्षा का उद्देश्य केवल व्यक्तिगत सफलता और असफलता बनकर रह जाता है, न कि जीवन के व्यापक दृष्टिकोण से। अत्यधिक व्यावसायीकरण: शिक्षा का व्यावसायीकरण भी एक प्रमुख दोष है। शिक्षण संस्थानों का उद्देश्य केवल लाभ कमाना हो गया है, और इससे छात्रों की वास्तविक शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। इससे समाज में सामाजिक असमानता भी बढ़ रही है। निष्कर्ष: आधुनिक शिक्षा प्रणाली में कई लाभ हैं, जैसे कि इसकी सुलभता, वैश्विक दृष्टिकोण और तकनीकी उन्नति, लेकिन इसके साथ-साथ कुछ दोष भी हैं, जैसे कि मूल्यांकन का दबाव, व्यावहारिक अनुभव की कमी और समाज से जुड़ी शिक्षा की कमी। इन दोषों को सुधारने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर सुधार और सुधार की आवश्यकता है, ताकि यह छात्रों को सर्वांगीण विकास की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान कर सके।
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