निम्नलिखित पठित काव्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प का चयन कीजिए :
हमारे हरि हारिल की लकरी।
मन क्रम बचन नंद-नंदन उर, यह दृढ़ करि पकरी।
जागत सोवत स्वप्न दिवस-निसि, कान्ह-कान्ह जकरी।
सुनत जोग लागत है ऐसी, ज्यों करुई ककरी।
सु तो ब्याधि हमकौं लै आए, देखी सुनी न करी।
यह तो 'सूर' तिनहिं लै सौंपौ, जिनके मन चकरी।।
दिए गए कथनों में से काव्यांश के संदर्भ में सही विकल्प का चयन कीजिए :
कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पढ़कर सही विकल्प चुनकर लिखिए:
कथन : गोपियाँ कृष्ण के प्रति अपने अगाध प्रेम के कारण भ्रमित थीं ।
कारण : प्रेम और विश्वास की गहराई से व्यक्ति में सूझ-बूझ की कमी हो जाती है ।
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपवूर्क पढ़कर उस पर आधािरत पछे गए प्रश्नों के उत्तर :
गीत कह रहे हैंअपने िदनांक
चालूदुःखों और में है
िजन की जो हकदारी बनती है
उसे अिनवायर्तौर पर
सौंप दी जाए तुरंत
तीसरे स्तंभ के प्रमुख,
िक उन्हें लग रही है शंका
अभी के िलए मलभू त हक़ों में है :
जीने का भी हक़ ।
***
सब खोले रखने अिनवायर्
तभी तो आपात दशा पड़े
बाहर के पैग़ाम
िहलती िदखें सींवरें ,
धलों से ढका रहे चेहरा ू
फलों से गवाही
िवशालकाय गीत अटूट सत्य
गाथा-गाथी-सी िवस्तृत
और मनुष्य के मेघ,
बाहर बने रहे यह देखें ,
नहीं समय की झािड़यों में , नहीं नीचे
पुस्तक वाली आंखों एक अदृश्य तर
लकीर, बना रहे वही जो िवस्तृत
और अनंत तक फै ला है
बस उन्हीं के हवाले है ।
निम्नलिखित पठित काव्यांश को पढ़कर प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों को चुनिए :
कर चले हम फ़िदा जानो-तन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
साँस थमती गई, नब्ज़ जमती गई
फिर भी बढ़ते कदम को न रुकने दिया
कट गए सर हमारे तो कुछ ग़म नहीं
सर हिमालय का हमने न झुकने दिया
मरते-मरते रहा बाँकपन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों.…
निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए :
काव्यांश :
पावस ऋतुथी, पर्वत प्रदेश,
पल–पल परिवर्तित प्रकृति–वेश ।
मेघालंकार पर्वत अपार
अपने सहस्त्र धुंआ–सुमन फाड़,
अवलोक रहा है बार–बार
नीचे जल मेंनिज महाकार,
जिसके चरणों में पला ताल
दर्पण–सा फै ला हैविशाल !
निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर दिए गए बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों को चुनकर लिखिए :
कंपनी बाग के मुहाने पर धर रखी गई है यह 1857 की तोप इसकी होती है बड़ी सम्हाल, विरासत में मिले कंपनी बाग की तरह
साल में चमकाई जाती है दो बार।
सुबह-शाम कंपनी बाग में आते हैं बहुत से सैलानी उन्हें बताती है यह तोप
कि मैं बड़ी जबर
उड़ा दिए थे मैंने
अच्छे-अच्छे सूरमाओं के धज्जे
अपने ज़माने में
कबीर के, निंदक को पास रखने वाले विचार से आप कहां तक सहमत हैं और क्यों?
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर संबंधित उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए :
आज पूरी दुनिया में व्यापक जल संकट है। एक तरफ हिमनद (ग्लेशियर) का पिघलना और दूसरी तरफ बर्बादी-खुबाई का बढ़ता आना हो रहा है। आमतौर पर नदियों में पानी बढ़ रहा है। हिमनद जब पिघलते हैं, तो उन नदियों के उद्धार का पास ही लोग उसका उपयोग करने लगते हैं। हिमनदों के पिघलने के कारण हमारी पर्यावरण भी इसका प्रभाव पड़ रहा है। नदियों की बहती प्रवाह में अपने ही धीमी-धीमी गति बदलती जा रही है। जल–वायु संकट में आता जा रहा है, उनके जल–वोषण का संकट, उससे होने वाले प्रभाव अत्यंत बहुत हैं। जिन्हें हिमनद पिघलते हैं, उनके आपस–रूपथल जल की कमी होती है। जल और तापमान के कारण पृथ्वी नई स्थितियों का सामना सामना आ सकता है। इस संकट में होने वाले कारण के उपाय उपाय बहुत हैं।
काशी में कलाधर-हनुमान हैं और नृत्य-विश्वनाथ हैं ।
(सरल वाक्य में बदलिए)
शहनाई की जादुई आवाज का असर हमारे सिर चढ़कर बोलने लगता है । (मिश्र वाक्य में बदलिए)