Comprehension

निम्नलिखित पठित काव्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प का चयन कीजिए :

हमारे हरि हारिल की लकरी।
मन क्रम बचन नंद-नंदन उर, यह दृढ़ करि पकरी।
जागत सोवत स्वप्न दिवस-निसि, कान्ह-कान्ह जकरी।
सुनत जोग लागत है ऐसी, ज्यों करुई ककरी।
सु तो ब्याधि हमकौं लै आए, देखी सुनी न करी।
यह तो 'सूर' तिनहिं लै सौंपौ, जिनके मन चकरी।।

Question: 1

गोपियों के अनुसार उद्धव द्वारा किन लोगों को योग की शिक्षा दी जानी चाहिए ?

Updated On: May 22, 2025
  • \( \text{जिनके मन में कृष्ण के प्रति भक्ति हो} \)
  • \( \text{जो योग के बारे में जानना चाहते हों} \)
  • \( \text{जो भक्ति मार्ग को हृदय से अपनाना चाहते हों} \)
  • \( \text{जिनका मन कृष्ण के प्रति स्थिर न हो} \)
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The Correct Option is D

Solution and Explanation

काव्य-पंक्तियों के अंतिम चरण में गोपियाँ कहती हैं: "यह तो 'सूर' तिनहिं लै सौंपौ, जिनके मन चकरी।।"
यहाँ 'चकरी' का अर्थ है चंचल या अस्थिर मन।
गोपियाँ स्पष्ट रूप से कहती हैं कि योग की यह शिक्षा उन लोगों के लिए है जिनका मन श्रीकृष्ण के प्रति स्थिर नहीं है, बल्कि भटकता रहता है। गोपियों का मन तो श्रीकृष्ण में दृढ़ता से लीन है।
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Question: 2

पद्यांश में व्याधि किसे बताया गया है ?

Updated On: May 22, 2025
  • \( \text{कृष्ण के मित्र उद्धव को} \)
  • \( \text{उद्धव के बताए योग को} \)
  • \( \text{कटुक स्वाद वाली ककड़ी को} \)
  • \( \text{कृष्ण के प्रति अनन्य प्रेम को} \)
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The Correct Option is B

Solution and Explanation

गोपियाँ उद्धव से कहती हैं, "सु तो ब्याधि हमकौं लै आए, देखी सुनी न करी।"
यहाँ 'ब्याधि' (रोग) का प्रयोग उद्धव द्वारा लाए गए योग-संदेश के लिए किया गया है, जो गोपियों को कड़वी ककड़ी के समान अप्रिय लगता है और जिसे उन्होंने पहले कभी न देखा न सुना।
गोपियाँ योग को अपने लिए एक अनावश्यक और कष्टदायक बीमारी मानती हैं।
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Question: 3

दिए गए कथनों में से काव्यांश के संदर्भ में सही विकल्प का चयन कीजिए :

Updated On: May 23, 2025
  • \( \text{गोपियाँ दिन-रात कृष्ण का नाम का जप करती रहती हैं ।} \)
  • \( \text{गोपियाँ उद्धव को भी योग त्यागने की सलाह देती हैं ।} \)
  • \( \text{गोपियाँ उद्धव को भी भक्ति मार्ग अपनाने को कहती हैं ।} \)
  • \( \text{गोपियाँ कृष्ण से प्रेम करके बहुत पछता रही हैं ।} \)
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The Correct Option is A

Solution and Explanation

पंक्ति "जागत सोवत स्वप्न दिवस-निसि, कान्ह-कान्ह जकरी।" स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि गोपियाँ जागते, सोते, सपने में, दिन-रात, हर समय कृष्ण का ही नाम जपती रहती हैं।
यह उनकी कृष्ण के प्रति अटूट निष्ठा और अनन्य प्रेम को व्यक्त करता है। अन्य विकल्प पद्यांश के भाव से मेल नहीं खाते।
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Question: 4

कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पढ़कर सही विकल्प चुनकर लिखिए: 
कथन : गोपियाँ कृष्ण के प्रति अपने अगाध प्रेम के कारण भ्रमित थीं । 
कारण : प्रेम और विश्वास की गहराई से व्यक्ति में सूझ-बूझ की कमी हो जाती है ।

Updated On: May 23, 2025
  • \( \text{कथन गलत है किंतु कारण सही है ।} \)
  • \( \text{कथन और कारण दोनों गलत हैं ।} \)
  • \( \text{कथन और कारण दोनों सही हैं और कारण कथन की सही व्याख्या करता है ।} \)
  • \( \text{कथन सही है किंतु कारण कथन की सही व्याख्या नहीं है ।} \)
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The Correct Option is A

Solution and Explanation

कथन गलत है। गोपियाँ कृष्ण के प्रति अपने अगाध प्रेम के कारण भ्रमित नहीं थीं, बल्कि वे अपने प्रेम में दृढ़ और अटूट थीं। वे योग को अस्वीकार कर रही थीं क्योंकि उनका मन कृष्ण में स्थिर था।
कारण सही है। प्रेम और विश्वास की गहराई कभी-कभी व्यक्ति में अन्य बातों के प्रति सूझ-बूझ की कमी ला सकती है, क्योंकि वह अपने प्रेम में इतना लीन हो जाता है कि अन्य बातों पर ध्यान नहीं दे पाता। हालांकि, यह कथन के गलत होने का कारण नहीं है।
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