Question:

‘‘है दीप एक ....... सूर्य से भी भारी’’ — पंक्ति का आशय है — 
 

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जब कोई पंक्ति प्रतीकात्मक हो, तो उसके शब्दों के पीछे छिपे गहरे अर्थ को समझें और विकल्पों में उसी के अनुरूप उत्तर चुनें।
Updated On: Jul 25, 2025
  • एक अकेली ज्योति व्यक्ति, संपूर्ण सौरजगत को भी रोशन करने में समर्थ है।
  • सूर्य की तुलना दीपक के प्रकाश से अधिक शक्तिशाली व्यक्ति बनने से सम्बन्ध है।
  • दीपक अपने प्रकाश से सूर्य को चुनौती देता है और भव्य बन जाता है।
  • एक व्यक्ति अकेला ही संसार में अंधकार मिटा सकता है अगर भावनाएं पवित्र रहती हैं।
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The Correct Option is A

Solution and Explanation

यह पंक्ति एक रूपक के रूप में प्रयुक्त हुई है, जहाँ ‘‘दीप’’ व्यक्ति का प्रतीक है और ‘‘सूर्य’’ बाह्य जगत की विशालता और शक्तियों का।
यहाँ कवि यह कह रहा है कि एक अकेला व्यक्ति भी अगर संकल्पशील हो, तो वह संसार के विशालतम शक्तियों से भी अधिक प्रभावी कार्य कर सकता है।
दीपक, जो अपेक्षाकृत छोटा है, फिर भी अपने प्रकाश से अंधकार मिटाता है — उसी प्रकार एक सच्चा, जागरूक, सत्पथ पर चलने वाला व्यक्ति भी समाज में बड़ी भूमिका निभा सकता है।
पंक्ति का आशय यह नहीं कि दीपक सूर्य से भौतिक रूप में भारी है, बल्कि यह मानवीय ऊर्जा, आस्था और प्रेरणा की महत्ता को दर्शाता है।
प्रश्न विश्लेषण:
(A) यह विकल्प भावार्थ के सबसे निकट है — क्योंकि यह “दीप” को व्यक्ति के रूप में रूपांतरित करता है।
(B) सूर्य की तुलना की जगह व्यक्ति के महत्व पर जोर देना आवश्यक है, जो इसमें नहीं है।
(C) यह पंक्ति के मूल भाव से भटकाव करता है, अतः यह अतिशयोक्ति है।
(D) यह भी आंशिक रूप से सही है, परंतु विकल्प (A) भाव के निकटतम है।
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