Step 1: Understanding the Concept: यह प्रश्न दक्षिण भारतीय मंदिर वास्तुकला की एक विशिष्ट विशेषता 'गोपुरम' की परिभाषा और महत्व के बारे में है।
Step 2: Detailed Explanation: 'गोपुरम' दक्षिण भारत में, विशेष रूप से द्रविड़ शैली में बने हिंदू मंदिरों के प्रवेश द्वार पर स्थित एक स्मारकीय और अलंकृत मीनार (टावर) है।
- कार्य: यह मंदिर परिसर को घेरने वाली दीवारों में एक प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है।
- विशेषताएँ: गोपुरम आमतौर पर आयताकार होते हैं और ऊपर की ओर संकरे होते जाते हैं। इनकी बाहरी सतह पर देवी-देवताओं, पौराणिक कथाओं के दृश्यों की विस्तृत मूर्तियां और नक्काशी होती है।
- महत्व: विजयनगर और नायक काल के दौरान, गोपुरम इतने विशाल और भव्य हो गए कि वे अक्सर मंदिर के मुख्य गर्भगृह से भी ऊंचे और अधिक प्रभावशाली दिखने लगे, जो मंदिर की शक्ति और समृद्धि का प्रतीक बन गए।
Step 3: Final Answer: संक्षेप में, गोपुरम दक्षिण भारतीय मंदिरों का भव्य और अलंकृत प्रवेश द्वार है, जो मंदिर की वास्तुकला का एक प्रमुख तत्व है।