Question:

‘गांधी, नेहरू और यास्सेर अराफात’ पाठ के आधार पर लिखिए कि गांधीजी ने रोगी बालक से कैसा बर्ताव किया । इससे उनके व्यक्तित्व की किस विशेषता का पता चलता है ?

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गांधीजी के व्यवहार को समझते समय उनके सहानुभूति और करुणा के भाव को प्राथमिकता दें।
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Solution and Explanation

गांधीजी ने रोगी बालक से बहुत ही सहानुभूति और समझदारी से बर्ताव किया। उन्होंने उस बालक से उसके दुःख और तकलीफों को समझने की कोशिश की और उसे सांत्वना दी। गांधीजी का यह व्यवहार उनकी विशाल मानवता और करुणा को प्रदर्शित करता है। उन्होंने दिखाया कि वे न केवल समाज के बड़े लोगों से, बल्कि छोटे और असमर्थ व्यक्तियों से भी सहानुभूति रखते थे। इस घटना में गांधीजी का बर्ताव विशेष रूप से महत्वपूर्ण था, क्योंकि उन्होंने उस बालक से केवल दया नहीं दिखाई, बल्कि उसे उसकी पीड़ा में अपनी पूरी समझ और संवेदना दी।
गांधीजी का यह बर्ताव उनके व्यक्तित्व की एक विशेषता को उजागर करता है — उनका ‘मानवता और सहानुभूति’ से भरा व्यक्तित्व। वे हमेशा समाज के कमजोर वर्गों के प्रति संवेदनशील रहते थे और उनके दुःख को अपनी जिम्मेदारी मानते थे। उनका यह दृष्टिकोण समाज में परिवर्तन और न्याय की ओर एक सकारात्मक कदम था। गांधीजी का यह चरित्र हमे सिखाता है कि केवल बड़ों से नहीं, बल्कि कमजोरों और असमर्थों से भी समान सहानुभूति रखनी चाहिए।
इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि गांधीजी का जीवन केवल राजनीतिक संघर्ष तक सीमित नहीं था, बल्कि वे मानवता की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहते थे। उनका मानना था कि असल परिवर्तन तब होता है जब हम अपने आसपास के छोटे-छोटे पहलुओं में करुणा और दया दिखाते हैं।
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