गर्भावस्था के दौरान रक्त में कैल्सियम की कमी हो जाती है, जो मां और उसके भ्रूण दोनों के लिए स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न कर सकती है। कैल्सियम शरीर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण खनिज है, जो हड्डियों और दांतों के निर्माण के लिए आवश्यक होता है। गर्भवती महिला और उसके भ्रूण के हड्डियों के सही विकास के लिए कैल्सियम का पर्याप्त सेवन अत्यंत आवश्यक होता है।
गर्भावस्था में कैल्सियम की कमी के कारण:
- महिला की हड्डियों और दांतों पर प्रभाव: यदि गर्भवती महिला को पर्याप्त कैल्सियम नहीं मिलता है, तो यह उसकी हड्डियों और दांतों की कमजोरी का कारण बन सकता है। हड्डियों में कैल्सियम की कमी से ओस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याएं हो सकती हैं, जिससे हड्डियाँ अधिक कमजोर हो सकती हैं और आसानी से टूट सकती हैं।
- भ्रूण का विकास प्रभावित होना: कैल्सियम भ्रूण के हड्डियों, दांतों, मांसपेशियों और तंत्रिका तंतु प्रणाली के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि गर्भवती महिला को कैल्सियम की कमी होती है, तो यह भ्रूण के विकास को प्रभावित कर सकता है, विशेष रूप से उसकी हड्डियों और मांसपेशियों की मजबूती को। इसके अलावा, कैल्सियम की कमी से भ्रूण में विकास संबंधी विकार हो सकते हैं, जैसे कि कमजोर हड्डियाँ और दांत।
इसलिए, गर्भावस्था में कैल्सियम की पर्याप्त मात्रा का सेवन करना जरूरी होता है। कैल्सियम के अच्छे स्रोत जैसे दूध, दही, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां, और आलसी (फिश और ओमेगा-3 से भरपूर भोजन) गर्भवती महिलाओं के लिए आदर्श होते हैं। इसके अलावा, डॉक्टर की सलाह के अनुसार कैल्सियम सप्लीमेंट्स भी लिए जा सकते हैं ताकि कैल्सियम की कमी पूरी की जा सके और मां तथा भ्रूण का स्वास्थ्य सुनिश्चित किया जा सके।