निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर दिए गए अगले छह प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
दुनिया से अच्छा ग्रहण करने का अधिकार सभी देशों को है, भारत के ज्ञान-विज्ञान-चिंतन से बहुत-सी चीजें दुनिया ने ली हैं। दूसरी बात यह है कि संसार में जहाँ भी ज्ञान-विज्ञान-विचार जन्म लेते हैं उनमें अन्य देशों की भी ज्ञात-अज्ञात भूमिका होती है और यह आदान-प्रदान का सिलसिला न जाने कब से चल रहा है। आज भी पश्चिम में हो रहे नवीनतम अन्वेषणों में विभिन्न देशों की मेधा, प्रतिभा, श्रम, कौशल, धन, आदि लगे हैं। उदाहरण के लिए भारत की अनेक प्रतिभाएँ अर्से से अमेरिका और अन्य देशों में उच्चस्तरीय अन्वेषण और संगणक के क्षेत्र में सॉफ्टवेयर निर्माण में लगी हैं, क्या यह प्रकारांतर से भारतीय अवदान नहीं है? उन्नत देशों की वस्तुएँ ऊँचे मूल्य पर खरीद कर अनेक छोटे देश उच्चतर अनुसंधान में परोक्ष आर्थिक योगदान देते हैं। इसलिए किसी भी उपलब्धि को किसी भूगोल में सीमित नहीं किया जा सकता । यह दूसरी बात है कि हमें अपनी 'आत्मनिर्भरता' लगातार बढ़ानी होगी और अपनी प्रतिभाओं को निरंतर 'प्रोत्साहित' करना होगा। आयातित प्रदूषण से बचने और अपने सांस्कृतिक उन्नयन के लिए यह अनिवार्य है।
उन्नत' का अर्थ है 'ऊँचा' या 'विकसित'। इसका विलोम 'अवनत' है, जिसका अर्थ है 'नीचाई' या 'पतन'। उदाहरण: "देश को उन्नत बनाना हमारा लक्ष्य है।" "अवनत का मतलब है देश का विकास रुक जाना।"
वर्णानुक्रम (Alphabetical Order) के अनुसार: B: अधिकार C: आत्मनिर्भरता A: आयातित D: उदाहरण E: नवीनतम इसलिए सही क्रम है: (B), (C), (A), (D), (E)
गद्यांश के आधार पर सूची-1 को सूची-II से सुमेलित कीजिए:
प्रत्यय और उनके मूल शब्दों का मिलान: (A) कार: अधिकार (II) (B) इक: आर्थिक (IV) (C) तम: नवीनतम (I) (D) ता: आत्मनिर्भरता (III) इस प्रकार सही क्रम है: (A)-(II), (B)-(IV), (C)-(I), (D)-(III)
कथन I सही है: गद्यांश में स्पष्ट किया गया है कि ज्ञान-विज्ञान-विचार के विकास में विभिन्न देशों की ज्ञात और अज्ञात भूमिकाएँ होती हैं। यह विचार वैश्विक सहयोग और आदान-प्रदान की महत्ता को रेखांकित करता है। कथन II गलत है: गद्यांश के अनुसार, 'आत्मनिर्भरता' और 'प्रोत्साहन' आयातित प्रदूषण से बचने और सांस्कृतिक उन्नयन के लिए अनिवार्य बताए गए हैं।
अवदान' का अर्थ है 'योगदान' या 'अनुदान'। यह किसी के द्वारा दी गई सहायता, दान, या योगदान का बोध कराता है। उदाहरण: "देश के विकास में युवाओं का अवदान अमूल्य है।" "इस शोध को पूरा करने में सरकार का अनुदान बहुत मददगार रहा।"
विकल्प (A): सही है। गद्यांश में बताया गया है कि ज्ञान का आदान-प्रदान अनादिकाल से चलता आ रहा है। विकल्प (B): गलत है। गद्यांश में स्पष्ट किया गया है कि भारतीय प्रतिभाएँ सॉफ्टवेयर निर्माण और उच्चस्तरीय अनुसंधान में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। विकल्प (C): सही है। गद्यांश में कहा गया है कि किसी भी उपलब्धि को किसी भूगोल तक सीमित नहीं किया जा सकता। विकल्प (D): गलत है। गद्यांश में 'प्रोत्साहन' को प्रतिभाओं के विकास और सांस्कृतिक उन्नयन के लिए आवश्यक बताया गया है। विकल्प (E): गलत है। गद्यांश में बताया गया है कि ज्ञान-विज्ञान-विचार के विकास में अन्य देशों की ज्ञात-अज्ञात भूमिका होती है।
गद्यांश के आधार पर दिए गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चयन कर लिखिए :
मैं तो शहर से या आदमियों से डरकर जंगल इसलिए भागा था कि मेरे सिर पर सींग निकल रहे थे और डर था कि किसी-न-किसी दिन किसी की नज़र मुझ पर ज़रूर पड़ जाएगी।
जंगल में मेरा पहला ही दिन था जब मैंने बबूल के पेड़ के नीचे एक शेर को बैठे हुए देखा। शेर का मुँह खुला हुआ था। शेर का खुला मुँह देखकर मेरा जो हाल होना था वही हुआ, यानी मैं डर के मारे एक झाड़ी के पीछे छिप गया।
मैंने देखा कि झाड़ी की ओट भी ग़ज़ब की चीज़ है। अगर झाड़ी न होती तो न शेर का मुँह-खुला और न ही उसमें डर पाना संभव हो पाता।
कुछ देर बाद मैंने देखा कि जंगल के छोटे-छोटे जानवर एक लाइन से चले आ रहे हैं और शेर के मुँह में घुसे चले जा रहे हैं। यह बिना हिले-डुले, बिना बवाल, जानवरों की ग़ज़ब की ग़ज़ल लग रही है। यह दृश्य देखकर मैं हैरान हो गया।
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए:
मन और मस्तिष्क में अंतर है। मस्तिष्क में अगणित चेतना की तरंगें उठती रहती हैं। मन उन तरंगों का समुच्चय (संग्रह) है। मन को विद्वानों ने तीन मंज़िला भवन – नववकल्प, वस्तलस और सरल माना है जिनमें भाव उठते हैं और संवेदनात्मक प्रक्रिया में विकसित होते हैं, फिर क्रियात्मक रूप धारण करते हैं।
डॉ. रघुवंश ने अपनी अंगत्ता को संवेदनात्मक सुसंस्कार प्रदान की और भक्ति में सुंदरता से यह सुनिश्चित किया कि यह अंगत्ता उनके जीवन के किसी कार्य में बाधक नहीं होगी।
जीवन भर, उनके मन की सूक्ष्मता कायम रही और वे धीरे-धीरे आगे बढ़े। अपने हाथों के न होने को अपनी अक्षमता नहीं माना बल्कि व्यावहारिक योग्यताओं से पैरों से ही लिखने का अभ्यास किया और सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ते गए। उनका नवर उत्साह से भरा मन हमेशा लेखन कार्य, सेवा कार्य में संलग्न रहा।
हर प्रकार की स्वच्छता की भावना उनके स्वभाव का अभिन्न अंग रही है। बहुत से लोगों में यह स्वच्छता बाह्य रूप में ही मिलती है, पर डॉ. रघुवंश बाह्य और आंतरिक रूप में भी स्वच्छ हैं, अर्थ संबंधी मामलों में भी स्वच्छ हैं जो आजकल कम ही दिखाई देता है।
किसी युक्ति से वह दिखाने में बैठे हुए उस चालक की देय राशि निकालकर रख लेते हैं, यह विश्वसनीयता है जिसमें उनका ले जाने वाला व्यक्ति अपने पास से रुपये न दे।
उनके रहन-सहन व व्यक्तिगत जीवन में जितनी स्वच्छता मिलती है, उसका स्पष्ट प्रभाव उनके द्वारा संपादित कार्यों में परिलक्षित होता है।
यह सब कुछ संभव हो पाने के पीछे उनका मजबूत मन तो है ही, साथ ही वह संकल्प शक्ति भी है जिसे विज्ञान ने मन का लक्षण कहा है और जिसे उन्होंने स्वयं ही धारण कर ली थी क्योंकि मन ही तो संकल्पात्मक होता है।
संकल्प ही क्रिया है। संकल्प ही व्यक्ति की प्रतिष्ठा है।
परंपरागत भोजन को लोकप्रिय कैसे बनाया जा सकता है ?
i. उपलब्ध करवाकर
ii. प्रचार-प्रसार द्वारा
iii. बिक्री की विशेष व्यवस्था करके
iv. घर-घर मुफ्त अभियान चलाकर विकल्प:
काव्य खंड पर आधारित निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए:
'कबीर' की साखियों में कौन-कौन से जीवन-मूल्य उभरते हैं?
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर संबंधित उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए :
आज पूरी दुनिया में व्यापक जल संकट है। एक तरफ हिमनद (ग्लेशियर) का पिघलना और दूसरी तरफ बर्बादी-खुबाई का बढ़ता आना हो रहा है। आमतौर पर नदियों में पानी बढ़ रहा है। हिमनद जब पिघलते हैं, तो उन नदियों के उद्धार का पास ही लोग उसका उपयोग करने लगते हैं। हिमनदों के पिघलने के कारण हमारी पर्यावरण भी इसका प्रभाव पड़ रहा है। नदियों की बहती प्रवाह में अपने ही धीमी-धीमी गति बदलती जा रही है। जल–वायु संकट में आता जा रहा है, उनके जल–वोषण का संकट, उससे होने वाले प्रभाव अत्यंत बहुत हैं। जिन्हें हिमनद पिघलते हैं, उनके आपस–रूपथल जल की कमी होती है। जल और तापमान के कारण पृथ्वी नई स्थितियों का सामना सामना आ सकता है। इस संकट में होने वाले कारण के उपाय उपाय बहुत हैं।
Rearrange the following parts to form a meaningful and grammatically correct sentence:
P. a healthy diet and regular exercise
Q. are important habits
R. that help maintain good physical and mental health
S. especially in today's busy world