Comprehension

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर संबंधित उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए :

आज पूरी दुनिया में व्यापक जल संकट है। एक तरफ हिमनद (ग्लेशियर) का पिघलना और दूसरी तरफ बर्बादी-खुबाई का बढ़ता आना हो रहा है। आमतौर पर नदियों में पानी बढ़ रहा है। हिमनद जब पिघलते हैं, तो उन नदियों के उद्धार का पास ही लोग उसका उपयोग करने लगते हैं। हिमनदों के पिघलने के कारण हमारी पर्यावरण भी इसका प्रभाव पड़ रहा है। नदियों की बहती प्रवाह में अपने ही धीमी-धीमी गति बदलती जा रही है। जल–वायु संकट में आता जा रहा है, उनके जल–वोषण का संकट, उससे होने वाले प्रभाव अत्यंत बहुत हैं। जिन्हें हिमनद पिघलते हैं, उनके आपस–रूपथल जल की कमी होती है। जल और तापमान के कारण पृथ्वी नई स्थितियों का सामना सामना आ सकता है। इस संकट में होने वाले कारण के उपाय उपाय बहुत हैं।

Question: 1

उपर्युक्त गद्यांश में लेखक की चिंता का विषय क्या है?

Updated On: May 22, 2025
  • पिघलते हिमनद
  • घटते वन प्रदेश
  • प्रदूषित होती नदियाँ
  • बढ़ता जल संकट
    \textbf{सही उत्तर:} (D) बढ़ता जल संकट
    \textbf{समाधान:}
    गद्यांश की पहली ही पंक्ति में लेखक स्पष्ट रूप से "व्यापक जल संकट" की बात करता है।
    इसके अतिरिक्त, गद्यांश में हिमनदों के पिघलने और नदियों के बदलते प्रवाह का उल्लेख जल संकट के संदर्भ में किया गया है, जो इस समस्या की गंभीरता को दर्शाता है।
    अतः, लेखक की मुख्य चिंता का विषय बढ़ता हुआ जल संकट है। % Quick Tip % Quick Tip \begin{quicktipbox} गद्यांश के मुख्य विचार को समझने के लिए, पहले और अंतिम वाक्यों पर विशेष ध्यान दें।
    अक्सर, लेखक अपनी मुख्य चिंता या विषय का परिचय शुरुआत में ही दे देता है।
    इसके अतिरिक्त, पूरे गद्यांश में बार-बार आने वाले शब्दों या वाक्यांशों से भी मुख्य विषय की पहचान की जा सकती है। \end{tcolorbox} \textbf{गुरु को ब्रह्मा क्यों कहा गया है ?}
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The Correct Option is B

Solution and Explanation

गद्यांश के अनुसार, शिक्षक समाज के भविष्य निर्माताओं को तैयार करने में एक अहम भूमिका निभाते हैं।
ब्रह्मा को सृष्टि का रचयिता माना जाता है, और शिक्षक भी अपने छात्रों को ज्ञान और मूल्यों से पोषित करके एक बेहतर भविष्य का निर्माण करते हैं।
इसलिए, समाज के भविष्य को आकार देने की महत्वपूर्ण भूमिका के कारण गुरु को ब्रह्मा कहा गया है।
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Question: 2

गुरु को ब्रह्मा क्यों कहा गया है ?

Updated On: May 22, 2025
  • छात्रों के हित के भीतर छिपी कल्याण-भावना के कारण
  • समाज के भविष्य निर्माताओं को तैयार करने की भूमिका के कारण
  • छात्रों के जीवन पर सकारात्‍मक प्रभाव डालने के कारण
  • रोजगार हेतु विद्यार्थियों में कौशल विकास करने के कारण
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The Correct Option is B

Solution and Explanation

गद्यांश के अनुसार, शिक्षक समाज के भविष्य निर्माताओं को तैयार करने में एक अहम भूमिका निभाते हैं। ब्रह्मा को सृष्टि का रचयिता माना जाता है, और शिक्षक भी अपने छात्रों को ज्ञान और मूल्यों से पोषित करके एक बेहतर भविष्य का निर्माण करते हैं। इसलिए, समाज के भविष्य को आकार देने की महत्वपूर्ण भूमिका के कारण गुरु को ब्रह्मा कहा गया है।

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Question: 3

निम्नलिखित कथन तथा कारण को ध्यानपूर्वक पढ़कर उचित विकल्प का चयन कीजिए :

कथन : मानव जाति के लिए नई सोच और दृष्टिकोण विकसित करना शिक्षक का दायित्व है।
कारण : हमारी भारतीय ज्ञान परंपरा और ग्रंथों में गुरु को महान बताया गया है।

Updated On: May 23, 2025
  • \( \text{कथन तथा कारण दोनों गलत हैं।} \)
  • \( \text{कारण सही है लेकिन कथन गलत है।} \)
  • \( \text{कथन सही है लेकिन कारण कथन की सही व्याख्या नहीं है।} \)
  • \( \text{कथन तथा कारण दोनों सही है तथा कारण कथन की सही व्याख्या करता है।} \)
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The Correct Option is C

Solution and Explanation

कथन बिल्कुल सही है कि मानव जाति के लिए नई सोच और दृष्टिकोण विकसित करना शिक्षक का एक महत्वपूर्ण दायित्व है। गद्यांश में भी शिक्षकों की भूमिका को नई सोच और दूरदृष्टि प्रदान करने वाला बताया गया है।
कारण भी सही है कि हमारी भारतीय ज्ञान परंपरा और ग्रंथों में गुरु को महान बताया गया है।
हालांकि, कारण कथन की सही व्याख्या नहीं करता है। गुरु की महानता का कारण भारतीय परंपरा में उनका उच्च स्थान है, न कि विशेष रूप से मानव जाति के लिए नई सोच विकसित करने का दायित्व। जबकि यह दायित्व भी महत्वपूर्ण है, कारण सीधे तौर पर कथन को स्पष्ट नहीं करता।
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Question: 4

शिक्षक को पथ-प्रदर्शक क्यों कहा जाता है ? किन्हीं दो बिंदुओं का उल्लेख कीजिए।

Updated On: May 23, 2025
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Solution and Explanation

गद्यांश में शिक्षक की भूमिका को स्पष्ट करते हुए बताया गया है कि वे छात्रों को जीवन-कौशल और नैतिक मूल्यों का ज्ञान प्रदान करते हैं।
एक पथ-प्रदर्शक भी यही कार्य करता है - वह यात्रियों को सही रास्ते पर ले जाता है और उन्हें उनकी मंजिल तक पहुंचने में मदद करता है।
शिक्षक अपने छात्रों को ज्ञान की रोशनी दिखाते हैं, उन्हें सही और गलत के बीच का अंतर समझाते हैं, और उन्हें एक सफल और नैतिक जीवन जीने के लिए प्रेरित करते हैं।
इसलिए, अपने छात्रों को दिशा और मार्गदर्शन प्रदान करने के कारण ही शिक्षक को पथ-प्रदर्शक कहा जाता है।
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Question: 5

कबीरदास जी ने गुरु की तुलना कुम्हार से क्यों की है ? किन्हीं दो कारणों को स्पष्ट कीजिए।

Updated On: May 22, 2025
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Solution and Explanation

यद्यपि यह प्रश्न गद्यांश पर आधारित नहीं है, कबीरदास जी ने अपनी वाणी में गुरु की महिमा का वर्णन करते हुए उनकी तुलना कुम्हार से की है।
कुम्हार मिट्टी को रौंदकर और उसे आकार देकर उपयोगी बर्तन बनाता है। इसी प्रकार, गुरु अपने शिष्यों के भीतर छिपी कमियों को दूर करते हैं और उन्हें ज्ञान, नैतिकता और अच्छे गुणों से परिपूर्ण करते हैं।
कुम्हार बर्तन को बनाते समय बाहर से थपथपाता है और अंदर से सहारा देता है, जिससे बर्तन मजबूत बनता है। इसी तरह, गुरु भी अपने शिष्यों को आवश्यकतानुसार प्यार और अनुशासन से शिक्षित करते हैं, जिससे उनका चरित्र मजबूत होता है।
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