देहवादी के अनुसार मन एवं शरीर के संबंध की व्याख्या करें।
Step 1: प्रतिज्ञा.
"जो कुछ है, भौतिक है"—मन-मस्तिष्क सम्बन्ध में यह कहता है कि मानसिक गुण न्यूरो-भौतिक आधार पर ही खड़े हैं।
Step 2: प्रमुख सिद्धान्त.
पहचान-सिद्धान्त—'दर्द अनुभव' = 'C-फाइबर सक्रियण'; कर्मात्मकवाद—मानसिक अवस्थाओं की पहचान कार्य/भूमिका से; उद्भववाद—उच्च-स्तरीय गुण आधार-स्तर से उद्भूत पर नियम-बद्ध।
Step 3: प्रमाण/बल.
मस्तिष्क-क्षति से व्यक्तित्व/स्मृति परिवर्तन, न्यूरो-इमेजिंग सहसम्बन्ध, औषधीय प्रभाव—ये भौतिक निर्भरता दिखाते हैं।
Step 4: आलोचना.
'क्वालिया', प्रथम-व्यक्ति अनुभव, आशयता (aboutness) की घटनीयता पर प्रश्न; पर देहवाद वैज्ञानिक व्याख्या-बल के कारण व्यापक है।
'प्रयोजनमूलक युक्ति' (Teleological / Pragmatic Argument) सम्बन्धित है—
निम्न में से किस युक्ति का कहना है कि ईश्वर का अस्तित्व, ईश्वर के विचार से अनिवार्यतः फलित होता है?
ईश्वर के अस्तित्व को सिद्ध करने के लिए देकार्त ने निम्न में से किस सिद्धान्त का प्रयोग किया है?
निम्न में से कौन 'समानान्तरवाद' (Psychophysical Parallelism) का समर्थक है?
पूर्व स्थापित सामंजस्य सिद्धान्त सम्बन्धित है—