Question:

भाषासु मुख्या मधुरा दिव्या गीर्वाण भारती | तस्या हिं मधुरं काव्यं तस्मादपि सुभाषितानि ।।

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संस्कृत भाषा केवल प्राचीनता के लिए नहीं, बल्कि इसके मधुर साहित्य और नैतिक सुभाषितों के कारण भी सम्माननीय है।
Updated On: Nov 15, 2025
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Solution and Explanation

सन्दर्भ: इस श्लोक में संस्कृत भाषा की महिमा का वर्णन किया गया है। इसमें बताया गया है कि संस्कृत न केवल सभी भाषाओं में श्रेष्ठ है, बल्कि इसके साहित्य और सुभाषित वचन भी अत्यंत मधुर एवं प्रेरणादायक होते हैं।
हिन्दी अनुवाद: सभी भाषाओं में संस्कृत (गीर्वाण भारती) सर्वोत्तम, मधुर और दिव्य है। इस भाषा में लिखा गया काव्य अत्यंत मधुर होता है, और उससे भी श्रेष्ठ इसके सुभाषित (नीतिकथन) होते हैं।
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