चरण 1: संदर्भ समझना।
यह वाक्य गीर्वाणभारती (वाणी या सरस्वती) के बारे में है, जो सभी भाषाओं की प्रमुख और मधुर मानी जाती हैं।
चरण 2: विकल्पों का विश्लेषण।
- (A) सौम्या: यह शब्द मेल नहीं खाता, क्योंकि वाणी को मधुर और दिव्य रूप में प्रस्तुत किया जाता है।
- (B) दिव्या: सही। वाणी को दिव्य, पवित्र और आशीर्वाद देने वाली माना जाता है।
- (C) प्रौढा: यह शब्द सही नहीं है, क्योंकि प्रौढ़ता का अर्थ वृद्ध या परिपक्व होना है, जो इस संदर्भ में उचित नहीं है।
- (D) न्यूना: यह शब्द कमजोर या कमतर को दर्शाता है, जो यहां उपयुक्त नहीं है।
चरण 3: निष्कर्ष।
सही उत्तर है (B) दिव्या, क्योंकि वाणी को दिव्य और पवित्र रूप में प्रस्तुत किया जाता है।