Question:

‘अपनी आँखों से देखी है त्रैतीय चरित्र हरण की लीला’ – संवदिया पाठ के इस कथन के संदर्भ में लिखिए कि यहाँ किस घटना की बात हो रही है। उसका संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
 

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'संवदिया' में लेखक ने जो देखा, वही लिखा — यह पंक्ति लेखक के प्रत्यक्ष अनुभव और सामाजिक जिम्मेदारी को दर्शाती है।
Updated On: Jul 18, 2025
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Solution and Explanation

‘संवदिया’ पाठ में यह कथन उस समय का है जब लेखक ने त्रैतीय जाति की एक लड़की के साथ हुए अन्याय और शोषण को प्रत्यक्ष रूप से देखा।
लेखक बताते हैं कि उस लड़की को शहरी बाबूओं द्वारा बहलाकर नौकरी और शहर दिखाने के बहाने लाया गया था,
लेकिन बाद में उसे जिस्मफरोशी के धंधे में धकेल दिया गया।
यह सब उन्होंने अपनी आँखों से देखा — इसीलिए उन्होंने इसे “त्रैतीय चरित्र हरण की लीला” कहा।
यहाँ 'लीला' शब्द व्यंग्य में प्रयुक्त हुआ है — समाज और व्यवस्था की नैतिक गिरावट और संवेदनहीनता को उजागर करने के लिए।
यह घटना केवल एक लड़की की त्रासदी नहीं, बल्कि उस पूरे व्यवस्था तंत्र का पर्दाफाश है जहाँ दलित और पिछड़ी जातियों की महिलाओं का शोषण एक सामान्य बात बना दी गई है।
लेखक यह नहीं केवल कहानी सुना रहे हैं, वे यह दिखा रहे हैं कि समाज किस तरह जाति, लिंग और वर्ग के आधार पर अन्याय और पाखंड से भरा है।
यह पंक्ति इस पाठ की केंद्रीय चेतना को प्रस्तुत करती है — यथार्थ, प्रत्यक्ष अनुभव और सामाजिक पीड़ा का सजीव चित्रण।
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