Question:

आनंदा की शिक्षा फिर से शुरू करवाने के लिए उसकी माँ को झूठ का सहारा लेना पड़ा। क्या उसकी माँ द्वारा उठाया गया यह कदम उचित था ? तर्कपूर्ण उत्तर दीजिए। 
 

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यदि कोई निर्णय नैतिक दृष्टि से संदिग्ध हो, परंतु उसका उद्देश्य उच्च हो — तो उसे सामाजिक दृष्टिकोण से मूल्यांकित करें।
Updated On: Jul 30, 2025
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Solution and Explanation

यह प्रश्न नैतिकता और मानवीय उद्देश्य के द्वंद्व पर आधारित है। आनंदा की माँ एक गरीब, परंतु संवेदनशील और दूरदर्शी महिला है। वह जानती है कि शिक्षा ही उसके बेटे को गरिमा, आत्मनिर्भरता और अधिकार का बोध दिला सकती है। सामाजिक-आर्थिक विषमता के बीच शिक्षा उसके लिए एकमात्र साधन है जो जीवन की दिशा बदल सकता है।
वह जब विद्यालय जाती है, तो उसे अपने बेटे को पुनः स्कूल में दाखिला दिलाने के लिए झूठ का सहारा लेना पड़ता है। उसका झूठ, स्वार्थ से प्रेरित नहीं, बल्कि ममत्व, विवेक और संवेदना से प्रेरित है।
यदि वह ऐसा नहीं करती, तो आनंदा बाल मजदूरी, निरक्षरता और असमानता के एक चक्रव्यूह में फँस जाता। उसका यह कदम सामाजिक अन्याय के विरुद्ध एक साहसी संघर्ष है। यह झूठ "धर्म-संकट" की स्थिति में लिया गया एक विवेकपूर्ण निर्णय है।
अतः यह झूठ, ‘उद्देश्य की पवित्रता’ के कारण उचित ठहराया जा सकता है — क्योंकि वह आनंदा के जीवन को बदलने की संभावनाओं को जन्म देता है।
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