Question:

विद्या विवादाय धनं मदाय शक्तिः परेषां परपीडनाय । खलस्य साधोः विपरीतमेतत् ज्ञानाय दानाय च रक्षणाय । 
 

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यह श्लोक हमें सिखाता है कि विद्या, धन और शक्ति का सही उपयोग केवल परोपकार, सेवा और रक्षा के लिए होना चाहिए, न कि अहंकार और दूसरों को पीड़ा देने के लिए।
Updated On: Nov 14, 2025
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Solution and Explanation

सन्दर्भ: प्रस्तुत श्लोक में सज्जन और दुष्ट व्यक्तियों के स्वभाव में अंतर बताया गया है। यह श्लोक दर्शाता है कि एक ही वस्तु का प्रयोग भिन्न व्यक्तियों द्वारा भिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है।
अनुवाद: दुष्ट व्यक्ति विद्या का उपयोग केवल वाद-विवाद करने के लिए, धन का उपयोग अहंकार बढ़ाने के लिए और शक्ति का प्रयोग दूसरों को पीड़ा देने के लिए करते हैं। इसके विपरीत, सज्जन व्यक्ति विद्या को ज्ञान के प्रचार के लिए, धन को दान के लिए और शक्ति को दूसरों की रक्षा के लिए प्रयोग करते हैं।
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