स्पष्टीकरण:
ठुमरी गायकी में सामान्यत: एकताल का ताल प्रयोग होता है, जो इसकी मधुरता और लयात्मकता को बढ़ाता है।
- ठुमरी गायकी भारतीय शास्त्रीय संगीत की एक प्रमुख गायन शैली है, जो रागों और भावनाओं के सरल, मधुर और भावपूर्ण प्रस्तुतिकरण के लिए जानी जाती है। ठुमरी गायन में भावनात्मक अभिव्यक्ति को प्रमुख स्थान दिया जाता है, और इसकी खासियत इसकी लयात्मकता और संगीतात्मक सरलता में होती है।
- एकताल का ताल ठुमरी गायकी में अक्सर प्रयोग किया जाता है क्योंकि यह ताल की संरचना सरल और लयबद्ध होती है, जिससे गायन में मधुरता और प्राकृतिक प्रवाह आता है।
- एकताल में 12 मात्राएँ होती हैं और इसकी संरचना तीन विभागों में बाँटी जाती है, जो इसे गायन के लिए उपयुक्त बनाती हैं। इसमें ताली की स्थिति पहले, पाँचवे, और नौंवे स्थान पर होती है, जबकि खाली की स्थिति दूसरे, चौथे, सातवें, और दसवें स्थान पर होती है।
- एकताल की लयबद्धता और मधुरता ठुमरी के भावपूर्ण और भावनात्मक गाने के अनुरूप होती है। इसके साधारण लय और संतुलित संरचना के कारण यह रचनाओं में सूक्ष्मता और स्पष्टता बनाए रखता है, जिससे श्रोता को गायक की भावनाओं से जुड़ने में मदद मिलती है।
इस प्रकार, ठुमरी गायकी में सामान्यत: एकताल का ताल प्रयोग होता है, जो इसकी मधुरता और लयात्मकता को बढ़ाता है और गायन को भावनात्मक रूप से भरपूर बनाता है।