स्पष्टीकरण:
तीवरा ताल में कुल आठ मात्राएँ होती हैं।
- तीवरा ताल भारतीय शास्त्रीय संगीत की एक महत्वपूर्ण ताल है, जिसे सामान्यत: खयाल गायन और ठुमरी जैसे संगीत रूपों में इस्तेमाल किया जाता है।
- इस ताल की संरचना में आठ मात्राएँ होती हैं, जो इसे मध्यम गति के संगीत के लिए उपयुक्त बनाती हैं।
- तीवरा ताल का संरचना इस प्रकार होता है:
- ताली : 1, 3, 5, 7
- खाली : 2, 4, 6, 8
- इसमें ताली की स्थिति पहले, तीसरे, पाँचवें और सातवें स्थान पर होती है, जबकि खाली की स्थिति दूसरे, चौथे, छठे और आठवें स्थान पर होती है।
- यह ताल लयबद्धता और संतुलन बनाए रखने में मदद करती है, और संगीत में गति और संगति का एहसास दिलाती है।
- तीवरा ताल का इस्तेमाल विशेष रूप से धीमी और मध्यम गति वाले रचनाओं में किया जाता है, जहां लय की सटीकता और ध्वनि के बीच संतुलन की आवश्यकता होती है।
इस प्रकार, तीवरा ताल में कुल आठ मात्राएँ होती हैं, और इसकी विशेष लय और संरचना इसे भारतीय शास्त्रीय संगीत में महत्वपूर्ण बनाती है।