स्पष्टीकरण:
स्वर "सा" और "पा" अचल स्वर होते हैं, जिनमें बदलाव नहीं होता।
- "सा" (षड्ज): यह पहला स्वर है और इसे शास्त्रीय संगीत में स्थिर स्वर माना जाता है। यह हमेशा एक ही स्थिति में रहता है, और इसमें कोई तीव्रता या कोमलता का परिवर्तन नहीं होता। यह स्वर अचल होता है और इसका स्वर परिमाण स्थिर रहता है।
- "पा" (पंचम): यह स्वर भी एक स्थिर स्वर होता है, जिसका बदलाव नहीं होता। इसका स्वर हमेशा समान रहता है और इसके स्वर में किसी भी प्रकार का वृद्धि या संकुचन नहीं होता।
इन दोनों स्वर का अचलता उन्हें संगीत में मूलधारा स्वर के रूप में प्रस्तुत करती है। जब शास्त्रीय संगीत में राग की संरचना की जाती है, तो ये स्वर संगीत की स्थिरता और लयबद्धता बनाए रखते हैं, क्योंकि ये किसी भी प्रकार के स्वर परिवर्तन के बिना संगीत में प्रकट होते हैं।
इस प्रकार, "सा" और "पा" अचल स्वर होते हैं, जिनमें बदलाव नहीं होता और ये संगीत में स्थिरता और संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।