स्पष्टीकरण:
'ध' (धैवत) स्वर अचल स्वर है, जिसका अर्थ है कि इसे सामान्यतः शुद्ध स्वर माना जाता है और इसमें परिवर्तन नहीं होता।
- धैवत स्वर भारतीय शास्त्रीय संगीत में एक महत्वपूर्ण स्वर है जो माध्यम सप्तक में स्थित होता है।
- यह स्वर स्थिर और बिना बदलाव के होता है, अर्थात इसका स्वर न बदलने वाला होता है, जिसे अचल स्वर कहा जाता है।
- इसके मुकाबले, रिशभ (ऋषभ), गांधार (ग), निषाद (नि) जैसे स्वर कोमल होते हैं, यानी इनमें हल्का परिवर्तन किया जा सकता है।
- धैवत स्वर का प्रयोग रागों में विशेष रूप से भावनात्मक और गंभीरता को दर्शाने के लिए किया जाता है।
इस प्रकार, 'ध' (धैवत) स्वर अचल स्वर है, जो शुद्ध और स्थिर होता है और इसे संगीत में स्थायित्व प्रदान करता है।