Question:

'श्रृंगार रस' अथवा 'शांत रस' की परिभाषा लिखकर उसका उदाहरण दीजिए। 
 

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श्रृंगार रस प्रेम और सौंदर्य की अभिव्यक्ति करता है, जबकि शांत रस वैराग्य और आत्मज्ञान की प्रेरणा देता है।
Updated On: Nov 15, 2025
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Solution and Explanation

श्रृंगार रस की परिभाषा: श्रृंगार रस प्रेम, सौंदर्य, आकर्षण एवं आनंद की भावना को प्रकट करने वाला रस है। इसमें मुख्यतः रति (प्रेम) स्थायी भाव होता है। यह संयोग और वियोग दो प्रकारों में विभाजित होता है।
उदाहरण:
कब देखूँ मैं नैनन मेहे, कब मोसे कहो गए रस खानी।
मोहन मिलन की आस लगी, बिरह जलावन जानी॥
अथवा
शांत रस की परिभाषा: शांत रस वैराग्य, आत्मज्ञान, और मोक्ष की भावना को प्रकट करने वाला रस है। इसमें निर्वेद स्थायी भाव होता है, जो मनुष्य को सांसारिक मोह से मुक्त करने और आत्मसाक्षात्कार की ओर प्रेरित करता है।
उदाहरण:
सबै भूमि गोपाल की, सब को कहूं बाप। हाथ पसारो क्यों फिरो, दो दो पैसे ताप॥
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