श्री गुरु चरन सरोज रज, निज मन मुकुर सुधार । बरनौ रघुवर विमल जस, जो दायक फल चार ।।" इन पंक्तियों में किस छंद का प्रयोग किया गया है?
दोहा छंद की विशेषता है: प्रत्येक पंक्ति (पद) में 24 मात्राएँ होती हैं। प्रथम और तृतीय चरण में 13 मात्राएँ और द्वितीय तथा चतुर्थ चरण में 11 मात्राएँ होती हैं। इस छंद की पंक्तियाँ 'श्री गुरु चरन सरोज रज, निज मन मुकुर सुधार। बरनौ रघुवर विमल जस, जो दायक फल चार।।' में स्पष्ट रूप से दोहा की संरचना पाई जाती है।