Question:

‘शिवास्ते पठान: सत्‍नु’ इति शुभकामनां प्रकटीकृतवान्।

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शिवास्ते पठान का उल्लेख पुराणों में प्रकट हुआ है और यह एक शुभकामना देने का तरीका है।
Updated On: Sep 26, 2025
  • काश्यप:
  • मारीच:
  • गौतमी
  • शिष्य:
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The Correct Option is B

Solution and Explanation

Step 1: Understanding the context
यह वाक्य एक ऐतिहासिक या पुराणिक संदर्भ में है, जिसमें एक व्यक्ति ‘शिवास्ते पठान’ शब्दों का प्रयोग कर रहा है और शुभकामनाएँ प्रदान कर रहा है। इसका उद्देश्य विशेष रूप से किसी की भलाई के लिए शुभकामना देना है।
Step 2: Analyzing the options
- (A) काश्यप: → काश्यप एक प्रसिद्ध ऋषि और प्राचीन भारतीय विद्वान थे, लेकिन उनका इस वाक्य से कोई संबंध नहीं है।
- (B) मारीच: → मारीच एक पुराणिक पात्र हैं और उनका शिव के साथ सम्बन्ध है। वे इस संदर्भ में सही उत्तर हैं।
- (C) गौतमी → गौतमी का संदर्भ इस वाक्य में उपयुक्त नहीं है, क्योंकि वह शिव के साथ जुड़ी हुई नहीं हैं।
- (D) शिष्य: → शिष्य का सामान्य अर्थ होता है शिष्य, जो इस वाक्य में लागू नहीं होता।
Step 3: Conclusion
इसलिए, सही उत्तर है मारीच (B)।
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