चरण 1: ऐतिहासिक सन्दर्भ। 
अगस्त कॉन्त ने French Revolution (1789) के बाद अस्थिर यूरोपीय समाज में समाज-व्यवस्था को वैज्ञानिक ढंग से समझने का विचार रखा और 'Sociology' शब्द गढ़ा। क्रान्ति ने सामन्ती व्यवस्था, चर्च-केन्द्रित प्राधिकार और वंशगत विशेषाधिकार को चुनौती दी—नए नागरिक अधिकार, समानता, धर्मनिरपेक्ष राज्य और तर्क की प्रतिष्ठा ने सामाजिक जीवन को तेज़ी से बदला। इस भूकम्पी बदलाव को समझने हेतु एक नए विज्ञान की आवश्यकता महसूस हुई, जिसे बाद में समाजशास्त्र के रूप में विकसित किया गया। 
चरण 2: पूरक बिंदु। 
साथ ही औद्योगिक क्रान्ति (इंग्लैंड) ने नगरीकरण, वर्ग-विभाजन और श्रम संबंधों में बड़े परिवर्तन पैदा किए—ये भी समाजशास्त्र के विकास के महत्त्वपूर्ण कारक रहे। परन्तु दिए गए विकल्पों में सीधा उत्तर वही है, जिसे क्लासिक पुस्तकों में "समाजशास्त्र का उत्पाद" कहा गया—फ़्रांसीसी क्रान्ति।