निम्नलिखित अवतरण को ध्यानपूर्वक पढ़ें एवं सही विकल्पों का चयन करके उत्तर दीजिए :
साहित्य मानव समाज का अभिन्न अंग समाज का दर्पण साहित्य कहलाता है। साहित्य का जन्म समाज के बिना असंभव है और अच्छे समाज का जन्म बिना साहित्य के असंभव है। समाज और साहित्य का अटूट सम्बन्ध है। साहित्य समाज को नवजीवन प्रदान करता है। साहित्य किसी भी समाज, देश और राष्ट्र की नींव है। साहित्य कभी नष्ट नहीं होता। साहित्य समाज़ को संस्कारित करने के साथ-साथ जीवन मूल्यों की भी शिक्षा देता है। समाज को व्यापक रूप में प्रभावित करता
है, साथ ही लोगों को प्रेरित करने का कार्य भी करता है। समाज के नवनिर्माण में साहित्य की केन्द्रीय भूमिका होती है।
'गोदान' के लेखक हैं:
भारत की राजभाषा है:
"साहित्य तो एक सात्विक जीवन है। उसे कठिन तपस्या और महान यज्ञ समझना चाहिए। जहाँ व्यक्ति के व्यक्तित्व
के कोई स्वतंत्र विषय नहीं रह जाते, उच्च साहित्य की वह भाव-भूमि है। वहाँ अपरिग्रह का साम्राज्य है, फोटो नहीं छापे जाते। वहाँ वाणी मौन रहती है गाथा' गाने में सुख नहीं मानती। उस उच्च स्तर से जितने क्रियाकलाप होते हैं आत्मा प्रेरणा से होते हैं पर आज दिन हिन्दी में आत्म-प्रेरणा और 'आत्मकथा' का नाम लेना पाखण्ड बढ़ाना है। हमारे देश में आत्मकथा लिखने की परिपाटी नहीं रही।"