Question:

'रूपक' अलंकार अथवा 'उत्प्रेक्षा' अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।

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रूपक अलंकार में उपमेय और उपमान को एक रूप में दिखाया जाता है, जबकि उत्प्रेक्षा अलंकार में संभावना प्रकट की जाती है।
Updated On: Nov 15, 2025
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Solution and Explanation

रूपक अलंकार: जब उपमेय और उपमान में भेद न दिखाकर दोनों को एक ही रूप में प्रस्तुत किया जाता है, तब 'रूपक' अलंकार होता है। इसमें उपमेय का वास्तविक रूप उपमान के समान मान लिया जाता है। उदाहरण:
"चाँदनी की हँसी फैल रही है।"
(इसमें चाँदनी को हँसी के रूप में प्रस्तुत किया गया है।) उत्प्रेक्षा अलंकार: जब किसी वस्तु में किसी अन्य वस्तु की संभावना प्रकट की जाती है, किंतु उसके होने की पुष्टि नहीं की जाती, तब 'उत्प्रेक्षा' अलंकार होता है। उदाहरण:
"जलतरंग में मानो साक्षात् वीणावादन हो रहा हो।"
(यहाँ जल की तरंगों की तुलना वीणावादन से की गई है, पर इसे पूर्ण रूप से नहीं माना गया।)
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