Question:

पद्ये शुद्धे पूर्णे च लिखत। 
(ई) अन्वयं पूरयत।

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पद्यांशों में शब्दों का उचित चयन और उनके सटीक स्थान का निर्धारण महत्त्वपूर्ण होता है। ध्यान रखें कि हर शब्द का सही संदर्भ में उपयोग किया जाए।
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Solution and Explanation


यावत् भयम् \(\underline{नास्ति}\) तावत् हि \(\underline{अथ}\) भेतव्यम्। (तथापि) \(\underline{सर्वदा}\) तु भयं वीक्ष्य नरः \(\underline{स्मरणं}\) कुर्यात्।
इस वाक्य में यह बताया जा रहा है कि जब तक डर न हो, तब तक किसी का डर करना आवश्यक नहीं है, लेकिन भय को देखकर मनुष्य को हर समय सचेत रहना चाहिए।
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