निम्नलिखित वाक्य का रचना के आधार पर भेद पहचानकर लिखिए :
वह बूढ़ी काकी पर झपटी और उन्हें हाथों से झटककर बोली।
Step 1: Understanding the Concept:
रचना के आधार पर वाक्य के तीन भेद होते हैं: सरल, संयुक्त और मिश्र।
- सरल वाक्य: एक ही मुख्य क्रिया।
- संयुक्त वाक्य: दो या दो से अधिक स्वतंत्र उपवाक्य समुच्चयबोधक अव्ययों (जैसे: और, तथा, एवं, पर, लेकिन, इसलिए) से जुड़े होते हैं। - मिश्र वाक्य: एक प्रधान उपवाक्य और एक या अधिक आश्रित उपवाक्य होते हैं।
Step 2: Detailed Explanation:
दिए गए वाक्य में दो स्वतंत्र उपवाक्य हैं:
1. वह बूढ़ी काकी पर झपटी।
2. उन्हें हाथों से झटककर बोली।
ये दोनों उपवाक्य 'और' समुच्चयबोधक अव्यय से जुड़े हुए हैं। दोनों उपवाक्य अपने आप में पूर्ण अर्थ देते हैं। अतः, यह एक संयुक्त वाक्य है।
Step 3: Final Answer:
यह एक संयुक्त वाक्य है।
निम्नलिखित वाक्यों में से किन्हीं दो वाक्यों को शुद्ध करके वाक्य फिर से लिखिए :
(i) लक्ष्मी का एक झूब्बेदार पूँछ था।
(ii) घर में तख्ते के रखे जाने का आवाज आता है।
(iii) सामने शेर देखकर यात्री का प्राण मानो मुरझा गया।
निम्नलिखित वाक्यों में से किसी एक वाक्य का अर्थ के आधार पर दी गई सूचनानुसार परिवर्तन कीजिए :
(1) मैं आज रात का खाना नहीं खाऊँगा। (विधानार्थक वाक्य)
(2) मानू इतना ही बोल सकी। (प्रश्नार्थक वाक्य)
निम्नलिखित वाक्यों में से किन्हीं दो वाक्यों का सूचना के अनुसार काल परिवर्तन करके वाक्य फिर से लिखिए :
(i) आराम हराम हुआ है।
(अपूर्ण वर्तमानकाल)
(ii) वे बाजार से नई पुस्तक खरीदते हैं।
(पूर्ण भूतकाल)
(iii) मैंने खिड़की से गरदन निकालकर झिड़की के स्वर में कहा।
(सामान्य भविष्यकाल)
निम्नलिखित वाक्य में यथास्थान उचित विराम-चिह्नों का प्रयोग करके वाक्य फिर से लिखिए :
जल्दी जल्दी पैर बढ़ा
निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त कारकों में से कोई एक कारक पहचानकर उसका भेद लिखिए :
(i) चाची अपने कमरे से निकल गयी थी।
(ii) कुछ समय के लिए विश्राम मिल जाता है।
निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
आँख खुली तो मैंने अपने-आपको एक बिस्तर पर पाया। इर्द-गिर्द कुछ परिचित-अपरिचित चेहरे खड़े थे। आँख खुलते ही उनके चेहरों पर उत्सुकता की लहर दौड़ गई। मैंने कराहते हुए पूछा "मैं कहाँ हूँ ?"
"आप सार्वजनिक अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में हैं। आपका ऐक्सिडेंट हो गया था। सिर्फ पैर का फ्रैक्चर हुआ है। अब घबराने की कोई बात नहीं।" एक चेहरा इतनी तेजी से जवाब देता है, लगता है मेरे होश आने तक वह इसलिए रुका रहा। अब मैं अपनी टाँगों की ओर देखता हूँ। मेरी एक टाँग अपनी जगह पर सही-सलामत थी और दूसरी टाँग रेत की थैली के सहारे एक स्टैंड पर लटक रही थी। मेरे दिमाग में एक नये मुहावरे का जन्म हुआ। 'टाँग का टूटना' यानी सार्वजनिक अस्पताल में कुछ दिन रहना। सार्वजनिक अस्पताल का खयाल आते ही मैं काँप उठा। अस्पताल वैसे ही एक खतरनाक शब्द होता है, फिर यदि उसके साथ सार्वजनिक शब्द चिपका हो तो समझो आत्मा से परमात्मा के मिलन होने का समय आ गया। अब मुझे यूँ लगा कि मेरी टाँग टूटना मात्र एक घटना है और सार्वजनिक अस्पताल में भरती होना दुर्घटना।
(4) सार्वजनिक रुग्णालयों की स्थिति के बारे में 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
आँख खुली तो मैंने अपने-आपको एक बिस्तर पर पाया। इर्द-गिर्द कुछ परिचित-अपरिचित चेहरे खड़े थे। आँख खुलते ही उनके चेहरों पर उत्सुकता की लहर दौड़ गई। मैंने कराहते हुए पूछा "मैं कहाँ हूँ ?"
"आप सार्वजनिक अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में हैं। आपका ऐक्सिडेंट हो गया था। सिर्फ पैर का फ्रैक्चर हुआ है। अब घबराने की कोई बात नहीं।" एक चेहरा इतनी तेजी से जवाब देता है, लगता है मेरे होश आने तक वह इसलिए रुका रहा। अब मैं अपनी टाँगों की ओर देखता हूँ। मेरी एक टाँग अपनी जगह पर सही-सलामत थी और दूसरी टाँग रेत की थैली के सहारे एक स्टैंड पर लटक रही थी। मेरे दिमाग में एक नये मुहावरे का जन्म हुआ। 'टाँग का टूटना' यानी सार्वजनिक अस्पताल में कुछ दिन रहना। सार्वजनिक अस्पताल का खयाल आते ही मैं काँप उठा। अस्पताल वैसे ही एक खतरनाक शब्द होता है, फिर यदि उसके साथ सार्वजनिक शब्द चिपका हो तो समझो आत्मा से परमात्मा के मिलन होने का समय आ गया। अब मुझे यूँ लगा कि मेरी टाँग टूटना मात्र एक घटना है और सार्वजनिक अस्पताल में भरती होना दुर्घटना।
(3)(ii) निम्नलिखित शब्दों के लिए गद्यांश में उल्लेखित समानार्थी शब्द लिखिए :
(1) रुग्णालय
(2) शक्ल
निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
आँख खुली तो मैंने अपने-आपको एक बिस्तर पर पाया। इर्द-गिर्द कुछ परिचित-अपरिचित चेहरे खड़े थे। आँख खुलते ही उनके चेहरों पर उत्सुकता की लहर दौड़ गई। मैंने कराहते हुए पूछा "मैं कहाँ हूँ ?"
"आप सार्वजनिक अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में हैं। आपका ऐक्सिडेंट हो गया था। सिर्फ पैर का फ्रैक्चर हुआ है। अब घबराने की कोई बात नहीं।" एक चेहरा इतनी तेजी से जवाब देता है, लगता है मेरे होश आने तक वह इसलिए रुका रहा। अब मैं अपनी टाँगों की ओर देखता हूँ। मेरी एक टाँग अपनी जगह पर सही-सलामत थी और दूसरी टाँग रेत की थैली के सहारे एक स्टैंड पर लटक रही थी। मेरे दिमाग में एक नये मुहावरे का जन्म हुआ। 'टाँग का टूटना' यानी सार्वजनिक अस्पताल में कुछ दिन रहना। सार्वजनिक अस्पताल का खयाल आते ही मैं काँप उठा। अस्पताल वैसे ही एक खतरनाक शब्द होता है, फिर यदि उसके साथ सार्वजनिक शब्द चिपका हो तो समझो आत्मा से परमात्मा के मिलन होने का समय आ गया। अब मुझे यूँ लगा कि मेरी टाँग टूटना मात्र एक घटना है और सार्वजनिक अस्पताल में भरती होना दुर्घटना।
(3)(i) गद्यांश में उल्लेखित अंग्रेजी शब्द लिखिए।
(1) ...........
(2) ...........
निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
आँख खुली तो मैंने अपने-आपको एक बिस्तर पर पाया। इर्द-गिर्द कुछ परिचित-अपरिचित चेहरे खड़े थे। आँख खुलते ही उनके चेहरों पर उत्सुकता की लहर दौड़ गई। मैंने कराहते हुए पूछा "मैं कहाँ हूँ ?"
"आप सार्वजनिक अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में हैं। आपका ऐक्सिडेंट हो गया था। सिर्फ पैर का फ्रैक्चर हुआ है। अब घबराने की कोई बात नहीं।" एक चेहरा इतनी तेजी से जवाब देता है, लगता है मेरे होश आने तक वह इसलिए रुका रहा। अब मैं अपनी टाँगों की ओर देखता हूँ। मेरी एक टाँग अपनी जगह पर सही-सलामत थी और दूसरी टाँग रेत की थैली के सहारे एक स्टैंड पर लटक रही थी। मेरे दिमाग में एक नये मुहावरे का जन्म हुआ। 'टाँग का टूटना' यानी सार्वजनिक अस्पताल में कुछ दिन रहना। सार्वजनिक अस्पताल का खयाल आते ही मैं काँप उठा। अस्पताल वैसे ही एक खतरनाक शब्द होता है, फिर यदि उसके साथ सार्वजनिक शब्द चिपका हो तो समझो आत्मा से परमात्मा के मिलन होने का समय आ गया। अब मुझे यूँ लगा कि मेरी टाँग टूटना मात्र एक घटना है और सार्वजनिक अस्पताल में भरती होना दुर्घटना।
(2) उत्तर लिखिए :
निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
आँख खुली तो मैंने अपने-आपको एक बिस्तर पर पाया। इर्द-गिर्द कुछ परिचित-अपरिचित चेहरे खड़े थे। आँख खुलते ही उनके चेहरों पर उत्सुकता की लहर दौड़ गई। मैंने कराहते हुए पूछा "मैं कहाँ हूँ ?"
"आप सार्वजनिक अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में हैं। आपका ऐक्सिडेंट हो गया था। सिर्फ पैर का फ्रैक्चर हुआ है। अब घबराने की कोई बात नहीं।" एक चेहरा इतनी तेजी से जवाब देता है, लगता है मेरे होश आने तक वह इसलिए रुका रहा। अब मैं अपनी टाँगों की ओर देखता हूँ। मेरी एक टाँग अपनी जगह पर सही-सलामत थी और दूसरी टाँग रेत की थैली के सहारे एक स्टैंड पर लटक रही थी। मेरे दिमाग में एक नये मुहावरे का जन्म हुआ। 'टाँग का टूटना' यानी सार्वजनिक अस्पताल में कुछ दिन रहना। सार्वजनिक अस्पताल का खयाल आते ही मैं काँप उठा। अस्पताल वैसे ही एक खतरनाक शब्द होता है, फिर यदि उसके साथ सार्वजनिक शब्द चिपका हो तो समझो आत्मा से परमात्मा के मिलन होने का समय आ गया। अब मुझे यूँ लगा कि मेरी टाँग टूटना मात्र एक घटना है और सार्वजनिक अस्पताल में भरती होना दुर्घटना।
(1)(ii)