वायु प्रदूषण के कारण अस्थमा जैसी श्वसन संबंधी बीमारियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।
वायु में प्रदूषक कण जैसे पीएम2.5, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO₂), और ओजोन (O₃) के कारण अस्थमा, ब्रोन्काइटिस, और अन्य श्वसन समस्याएँ बढ़ सकती हैं। इन प्रदूषकों से श्वसन नलिकाओं में सूजन और जलन हो सकती है, जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है।
अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जिसमें श्वसन नलिकाएँ संकुचित हो जाती हैं, जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है। प्रदूषक कण इन नलिकाओं को उत्तेजित करते हैं, जिससे खांसी, घरघराहट, और सांस की कमी जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। वायु प्रदूषण का लंबे समय तक संपर्क अस्थमा के लक्षणों को और भी गंभीर बना सकता है, और यह बड़ों के साथ-साथ बच्चों में भी श्वसन संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है।