खाद्य पदार्थों में मिलावट का पता लगाने के लिए कई प्रकार की विधियाँ उपयोग की जाती हैं। मिलावट के कारण खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता, पोषक तत्व और सुरक्षा प्रभावित हो सकती है, इसलिए इन विधियों का उपयोग यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि खाद्य पदार्थ सुरक्षित और शुद्ध हैं।
- दृश्य परीक्षण: इसमें खाद्य पदार्थ के आकार, रंग और अन्य भौतिक गुणों का निरीक्षण किया जाता है। इस विधि में कोई विशेष यांत्रिक या रासायनिक उपकरणों का उपयोग नहीं किया जाता है, बल्कि यह पूरी तरह से खाद्य पदार्थ की बाहरी विशेषताओं पर आधारित होता है। उदाहरण के लिए, रंग में अंतर, आकार में बदलाव, या किसी संदिग्ध कण की उपस्थिति से यह संकेत मिल सकता है कि खाद्य पदार्थ में मिलावट हो सकती है। यह परीक्षण शुरुआती स्तर पर मिलावट का पता लगाने के लिए उपयोगी होता है, लेकिन यह अधिक विशिष्ट नहीं होता है।
- रासायनिक परीक्षण: इस विधि में रासायनिक प्रतिक्रियाओं का उपयोग कर मिलावट का पता लगाया जाता है। इसमें किसी विशेष रसायन की उपस्थिति या अनुपस्थिति का परीक्षण किया जाता है। उदाहरण के लिए, दूध में स्टार्च मिलाने का पता लगाने के लिए आयोडीन का परीक्षण किया जा सकता है। इसी तरह, रासायनिक परीक्षण से यह भी पता चल सकता है कि किसी खाद्य पदार्थ में हानिकारक रसायन या मिलावट वाले पदार्थ हैं या नहीं। यह विधि अधिक सटीक होती है और मिलावट का पता लगाने के लिए एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण प्रदान करती है।
- भौतिक परीक्षण: इस विधि में खाद्य पदार्थ की संरचना, घनत्व और अन्य भौतिक गुणों का परीक्षण किया जाता है। उदाहरण के लिए, किसी तरल पदार्थ के घनत्व का परीक्षण यह दर्शा सकता है कि उसमें किसी अन्य पदार्थ की मिलावट है या नहीं। इस प्रकार के परीक्षण से यह भी पता चलता है कि खाद्य पदार्थ की संरचना में कोई बदलाव आया है या नहीं, जैसे कि मिठाई में चीनी की अधिकता या कमी होना। यह परीक्षण भी मिलावट का पता लगाने के लिए एक प्रभावी तरीका हो सकता है।
इन सभी विधियों का उपयोग खाद्य पदार्थों में मिलावट का पता लगाने के लिए किया जाता है, और इनका संयोजन मिलावट का पता लगाने में अधिक प्रभावी हो सकता है। इन विधियों का सही तरीके से उपयोग खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता बनाए रखने में मदद करता है।