Step 1: Understanding the Concept:
यह प्रश्न प्राचीन भारतीय शासकों द्वारा अपनाई गई उपाधियों से संबंधित है।
Step 2: Detailed Explanation:
मौर्य सम्राट अशोक ने अपने अधिकांश शिलालेखों में 'देवानांप्रिय प्रियदर्शी' (देवताओं का प्रिय, जो प्रिय दृष्टि से देखता है) की उपाधि का उपयोग किया है।
'प्रियदर्शी' (या प्रियदसि) उपाधि अशोक के साथ इतनी निकटता से जुड़ी हुई है कि यह लगभग उसका पर्याय बन गई है।
1837 में जेम्स प्रिंसेप द्वारा ब्राह्मी लिपि को पढ़ने के बाद ही यह स्पष्ट हुआ कि यह उपाधि मौर्य सम्राट अशोक के लिए थी।
Step 3: Final Answer:
अशोक को प्रियदर्शी कहा गया है। अतः, विकल्प (A) सही है।