Question:

खेलों से प्रतिस्पर्धा की सच्ची भावना — लगभग 100 शब्दों में रचनात्मक लेख लिखिए : 
 

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खेल आधारित लेखन में केवल परिणाम नहीं — प्रक्रिया, मनोविज्ञान और मूल्यबोध को भी शामिल करें।
Updated On: Jul 21, 2025
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Solution and Explanation

खेल केवल शारीरिक शक्ति का प्रदर्शन नहीं होते, बल्कि वे चरित्र निर्माण, अनुशासन और आत्म-नियंत्रण का माध्यम भी होते हैं।
मैंने जब पहली बार अपनी स्कूल की फुटबॉल टीम में भाग लिया, तब लगा कि प्रतियोगिता का मतलब है — हर हाल में जीतना।
लेकिन जैसे-जैसे खेल में अनुभव बढ़ा, मैंने जाना कि सच्ची प्रतिस्पर्धा वह होती है जहाँ हम अपनी श्रेष्ठता को साबित करने के साथ-साथ विरोधी का सम्मान भी बनाए रखते हैं।
हमारी टीम ने एक बार फाइनल मैच बहुत करीबी अंतर से हारा, लेकिन विरोधी टीम की खेल भावना, सहयोग और हार्दिकता ने हमें सीख दी कि खेल में पराजय से बड़ा मूल्य 'सम्मान' है।
वास्तव में, खेलों में ईमानदारी, टीम भावना, और हार को स्वीकारने की शक्ति — ये ही प्रतिस्पर्धा की सच्ची भावना हैं।
खेल हमें सिखाते हैं कि जीवन भी एक मैदान है, जहाँ हार-जीत से ज़्यादा ज़रूरी होता है — प्रयास और संयम।
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