चरण 1: ग्राम सभा की परिभाषा। 
ग्राम सभा किसी ग्राम/वार्ड के सभी पंजीकृत मतदाताओं की सामूहिक संस्था है और पंचायती राज में जन-निगरानी का मूल आधार मानी जाती है। 
चरण 2: विधिक दायित्व (सोशल ऑडिट)। 
अधिकांश राज्य पंचायती राज अधिनियमों के अनुसार ग्राम सभा का मुख्य कार्य है—वार्षिक खातों का विवरण, लेखा/ऑडिट रिपोर्ट, तथा ग्राम पंचायत की वार्षिक कार्य-प्रगति रिपोर्ट पर विचार करना, प्रश्न करना और अनुमोदन/टिप्पणी देना। इसे ही सामाजिक लेखा परीक्षा (Social Audit) कहा जाता है। 
चरण 3: अन्य संस्थाओं की भूमिका। 
ग्राम पंचायत योजनाएँ बनाती और क्रियान्वित करती है; जिला पंचायत समन्वय/अनुदान देखती है; कलेक्टर प्रशासनिक पर्यवेक्षण करता है, पर जन-समीक्षा का अधिकार ग्राम सभा के पास है। 
निष्कर्ष: इसलिए वार्षिक खातों व प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा करने का मुख्य कार्य ग्राम सभा का है—विकल्प (2)।