सूचना/शिक्षा:
टीवी/रेडियो/डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म जनहित संदेश, स्वास्थ्य अभियान और आपात अलर्ट व्यापक रूप से पहुँचाते हैं।
व्यवहार-परिवर्तन:
एडुटेनमेंट/आईईसी से स्वच्छता, सड़क-सुरक्षा, परिवार-नियोजन जैसे व्यवहार सुधरते हैं; दो-चरण प्रवाह में राय-नेता संदेश फैलाते हैं।
आर्थिक/नागरिक पक्ष:
विज्ञापन/बाज़ार सूचना उत्पादक–उपभोक्ता जोड़ती है; उपभोक्ता अधिकार/शिकायत मार्ग जगजाहिर होते हैं; चुनावी शिक्षा व नीति-विमर्श प्रबल होता है।
जोखिम व समाधान:
फेक-न्यूज़/इको-चैम्बर से निपटने को तथ्य-जाँच, विनियमन और मीडिया साक्षरता आवश्यक है।