कदम 1: लोक-उपचार का सिद्धांत। जलन पर ऐसी सामग्री उपयोगी होती है जो त्वचा पर ठंडी, चिपचिपी परत बनाकर दर्द को घटाए, संक्रमण से बचाए और नमी बनाए रखे।
कदम 2: इमली बीज की लई का गुण। भिगोए बीज पीसने पर म्यूसिलेज जैसा गाढ़ा जेल बनता है, जो संरक्षक परत बनाकर फफोलों और जलन की तीव्रता कम करता है।
कदम 3: विकल्प जाँच। महुआ तेल/अमलतास/पलाश अन्य रोगों में उपयोगी हैं, पर आदिवासी परंपरा में जलन के प्राथमिक घरेलू उपचार के लिए इमली बीज की लई को प्रमुख माना गया है। इसलिए विकल्प (2) सही है।