इनमें से कौन शब्दालंकार नहीं है?
शब्दालंकार काव्यशास्त्र में वह अलंकार होते हैं जो शब्दों के प्रयोग से उत्पन्न होते हैं। 'श्लेष', 'यमक', और 'अनुप्रास' शब्दालंकार के उदाहरण हैं। श्लेष: जब एक शब्द के दो अर्थों का प्रयोग किया जाता है। यमक: जब एक ही शब्द का पुनरावृत्ति होती है, लेकिन उसका अर्थ बदलता है। अनुप्रास: जब समान ध्वनियों का पुनरावृत्ति होती है। लेकिन 'उपमा' एक रूपक अलंकार है, न कि शब्दालंकार, क्योंकि यह तुलना (comparison) पर आधारित होता है, जैसे "राम की तरह".
निर्देशानुसार 'अलंकार' पर आधारित प्रश्न में से रेखांकित काव्य-पंक्तियों में अलंकार पहचानकर लिखिए:
अभिमन्यु-धन के निधन से कारण हुआ जो मूल
इससे हमारे हत हृदय को, हो रहा जो शूल है।
उदाहरण द्वारा अतिशयोक्ति अलंकार स्पष्ट कीजिए।
अलंकार ?
मगर उनकी लाई चिड़ियाँ
पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ बाँचते हैं।
अलंकार ?
सोहत ओढ़े पीत पट, स्याम सलोने गात।
मनहु नीले मणि सैल पर, आतप परयौ प्रभात।।
"लेवत मुख में घास मृग, मोर तजत नृत जात। आँसू गिरियत जर लता, परि-परि पात ।।" उक्त पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है?