Question:

‘हिन्दी नयी चाल में ढली’ यह कथन किस लेखक का है?

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‘हिन्दी नयी चाल में ढली’ वाक्य भारतेंदु हरिश्चन्द्र के योगदान को दर्शाता है, जिन्होंने हिन्दी को आधुनिक साहित्यिक स्वरूप प्रदान किया।
Updated On: Oct 11, 2025
  • बालकृष्ण भट्ट
  • बदरी नारायण चौधरी ‘प्रेमघन’
  • भारतेंदु हरिश्चन्द्र
  • महावीर प्रसाद द्विवेदी
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The Correct Option is C

Solution and Explanation

Step 1: कथन की पहचान.
‘हिन्दी नयी चाल में ढली’ यह प्रसिद्ध कथन भारतेंदु हरिश्चन्द्र का है, जिन्हें हिन्दी साहित्य का “आधुनिक काल का जनक” कहा जाता है।
Step 2: विकल्पों का विश्लेषण.
- (A) बालकृष्ण भट्ट: इन्होंने भी हिन्दी पत्रकारिता और साहित्य में योगदान दिया, पर यह कथन उनका नहीं है।
- (B) बदरी नारायण चौधरी ‘प्रेमघन’: हास्य-व्यंग्य लेखन में प्रसिद्ध हैं, पर यह कथन उनसे संबंधित नहीं।
- (C) भारतेंदु हरिश्चन्द्र: यह सही उत्तर है। उन्होंने हिन्दी को नयी धारा और आधुनिक स्वरूप दिया।
- (D) महावीर प्रसाद द्विवेदी: द्विवेदी युग के प्रवर्तक हैं, पर यह कथन उनका नहीं।
Step 3: निष्कर्ष.
अतः सही उत्तर है (C) भारतेंदु हरिश्चन्द्र।
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