उद्देश्य:
सुलभ न्याय—सीमा विवाद, छोटी देनदारी, हल्की चोट/उत्पात, सार्वजनिक उपद्रव जैसे मामलों का शीघ्र समाधान।
संरचना:
निर्वाचित/नामित पंच; कार्यपालिका पंचायत से अलग। समझौते को प्राथमिकता, आवश्यक होने पर जुर्माना/दिशा-निर्देश।
लाभ:
निकटता, भाषा/रूढ़ि की समझ, समय/धन की बचत, सामुदायिक सद्भाव।
सीमाएँ:
क्षमता/पूर्वाग्रह जोखिम, प्रशिक्षण व पर्यवेक्षण की आवश्यकता।