Question:

गांधी जी ने किस घटना के बाद असहयोग आंदोलन वापस ले लिया था-

Show Hint

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख आंदोलनों, उनके नेताओं, महत्वपूर्ण घटनाओं और उनकी तिथियों को याद रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। महात्मा गांधी के आंदोलनों में अहिंसा का सिद्धांत केंद्रीय था।
Updated On: June 02, 2025
  • काकोरी कांड
  • जलियाँवाला हत्या कांड
  • चौरी-चौरा कांड
  • गांधी-रिपन समझौता
Hide Solution
collegedunia
Verified By Collegedunia

The Correct Option is C

Solution and Explanation

चरण 1: प्रश्न को समझें
यह प्रश्न उस घटना के बारे में पूछता है जिसके परिणामस्वरूप महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन (Non-Cooperation Movement) को वापस ले लिया था। यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और महात्मा गांधी के नेतृत्व से संबंधित एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक सामान्य ज्ञान का प्रश्न है। चरण 2: असहयोग आंदोलन और संबंधित घटनाओं को जानें
असहयोग आंदोलन महात्मा गांधी द्वारा 1920 में शुरू किया गया एक बड़ा जन-आंदोलन था, जिसका उद्देश्य ब्रिटिश सरकार के साथ असहयोग करके स्वशासन प्राप्त करना था। यह आंदोलन अहिंसक तरीकों पर आधारित था।
चौरी-चौरा कांड (Chauri-Chaura Incident): 5 फरवरी 1922 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के चौरी-चौरा नामक स्थान पर एक हिंसक घटना हुई। प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने एक पुलिस थाने में आग लगा दी, जिसमें कई पुलिसकर्मी जिंदा जल गए।
आंदोलन की वापसी: इस घटना से महात्मा गांधी बहुत दुखी हुए, क्योंकि उनका मानना था कि आंदोलन अपनी अहिंसक प्रकृति से भटक गया था। उन्होंने तुरंत 12 फरवरी 1922 को असहयोग आंदोलन को स्थगित करने की घोषणा कर दी। गांधीजी का मानना था कि भारत अभी भी अहिंसक प्रतिरोध के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं है। चरण 3: विभिन्न विकल्पों का विश्लेषण करें

(A) काकोरी कांड: यह घटना 1925 में हुई थी, जो असहयोग आंदोलन की वापसी के बाद की है और इसका संबंध क्रांतिकारी गतिविधियों से था।
(B) जलियाँवाला बाग हत्याकांड: यह 1919 में हुआ था और यह असहयोग आंदोलन के शुरू होने का एक प्रमुख कारण था, न कि उसे वापस लेने का।
(C) चौरी-चौरा कांड: यह वह हिंसक घटना थी जिसके कारण महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन को वापस ले लिया था।
(D) गांधी-रिपन समझौता: ऐसा कोई ज्ञात समझौता नहीं है। लॉर्ड रिपन का कार्यकाल (1880-1884) असहयोग आंदोलन (1920-1922) से बहुत पहले का है। संभवतः यह गांधी-इरविन समझौते (1931) का गलत संदर्भ है, जो सविनय अवज्ञा आंदोलन से संबंधित था। चरण 4: सही उत्तर की पहचान करें
उपरोक्त विश्लेषण के आधार पर, चौरी-चौरा कांड के बाद महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन वापस ले लिया था। सही उत्तर है $\boxed{\text{(C) चौरी-चौरा कांड}}$।
Was this answer helpful?
0
0

UP BEd JEE Notification