Question:

अधोलिखित में से किसी एक श्लोक की सन्दर्भ-सहित संस्कृत में व्याख्या कीजिए: 
एकतानं जगत्: भ्रमुतं, नवं व्यय: कातनींवृषच। 
अल्पस्य होते: बहु हतुमिच्छं विचारयुक्तं। प्रतिमाशी में त्वम्।

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इस श्लोक के विश्लेषण में ब्रह्मा की भूमिका और जीवन के उद्देश्य पर ध्यान केंद्रित करें।
Updated On: Sep 26, 2025
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Solution and Explanation

यह श्लोक ब्रह्मा की अनंत शक्तियों का प्रतीक है और व्यक्ति के जीवन के संघर्ष और लक्ष्य की ओर बढ़ने का संकेत देता है। श्लोक का अर्थ है कि जो व्यक्ति ईश्वर की ओर पूर्ण समर्पण से चलता है, वह अपनी यात्रा में सच्चे मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित होता है। इसमें वह अस्तित्व की गहरी समझ और जीवन के उद्देश्य को पूरा करने की दिशा में कार्य करता है।
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