चरण 1: प्रश्न को समझें
यह प्रश्न 'एकेश्वरवादियों के लिए उपहार' नामक पुस्तक के लेखक की पहचान करने के लिए कहता है। यह भारतीय इतिहास, सामाजिक-धार्मिक सुधार आंदोलनों और महत्वपूर्ण साहित्यिक कृतियों से संबंधित एक महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान का प्रश्न है।
चरण 2: पुस्तक और उसके लेखक के बारे में जानें
'एकेश्वरवादियों के लिए उपहार' (जिसे मूल रूप से फारसी में 'तुहफ़त-उल-मुवाहिदीन' - Tuhfat-ul-Muwahhidin के नाम से जाना जाता है) एक महत्वपूर्ण दार्शनिक और धार्मिक ग्रंथ है।
इस पुस्तक की रचना राजा राममोहन राय ने की थी, और यह 1803-1804 में प्रकाशित हुई थी।
इसमें उन्होंने मूर्तिपूजा की आलोचना की और एक ईश्वर (एकेश्वरवाद) की पूजा की वकालत की। यह उनकी धार्मिक और सामाजिक सुधारवादी सोच का प्रारंभिक उदाहरण था, जिसने बाद में ब्रह्म समाज की स्थापना का मार्ग प्रशस्त किया।
राजा राममोहन राय को 'भारतीय पुनर्जागरण का जनक' और 'आधुनिक भारत का अग्रदूत' माना जाता है। उन्होंने सती प्रथा, बाल विवाह जैसी कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई और पश्चिमी शिक्षा का समर्थन किया।
चरण 3: विभिन्न विकल्पों का विश्लेषण करें
(A) राजा राममोहन राय: यह इस पुस्तक के सही लेखक हैं।
(B) परमहंस: 'परमहंस' एक आध्यात्मिक उपाधि है, जो किसी विशिष्ट लेखक से संबंधित नहीं है (जैसे रामकृष्ण परमहंस एक आध्यात्मिक गुरु थे)।
(C) दयानंद सरस्वती: ये आर्य समाज के संस्थापक थे और उनकी प्रमुख कृति 'सत्यार्थ प्रकाश' है। वे 'एकेश्वरवादियों के लिए उपहार' के लेखक नहीं हैं।
(D) बालकृष्ण भट्ट: ये हिंदी साहित्य के भारतेंदु युग के प्रमुख निबंधकार और पत्रकार थे, लेकिन इस पुस्तक के लेखक नहीं हैं।
चरण 4: सही उत्तर की पहचान करें
उपरोक्त विश्लेषण के आधार पर, 'एकेश्वरवादियों के लिए उपहार' नामक पुस्तक के लेखक राजा राममोहन राय हैं।
सही उत्तर है $\boxed{\text{(A) राजा राममोहन राय}}$।