दूध के घी में आसानी से मिलावट नहीं हो पाती क्योंकि घी का शुद्ध रूप बहुत घना और सख्त होता है। घी को बनाने की प्रक्रिया में केवल दूध की मलाई का उपयोग किया जाता है, और इसका शुद्ध रूप उच्च गुणवत्ता और विशिष्टता की विशेषताएँ होती हैं। घी में मिलावट करना अन्य दूध उत्पादों के मुकाबले अधिक कठिन होता है, क्योंकि इसका प्राकृतिक रूप पहचानने में कोई दिक्कत नहीं होती है।
इसके मुकाबले, दही, मिठाई, और खोआ जैसे अन्य दूध उत्पादों में मिलावट के लिए विभिन्न तरीके हो सकते हैं। इन उत्पादों में अक्सर पानी, स्टार्च, या अन्य मिलावटी सामग्री का उपयोग किया जा सकता है, जो उनके स्वाद, बनावट और रंग को प्रभावित कर सकती हैं। दही और मिठाई में मिलावट के कई साधन होते हैं, जिनमें विशेष रूप से आर्टिफिशियल मिठास बढ़ाने के लिए रसायनों का उपयोग किया जाता है।
घी का परीक्षण करना आसान होता है, क्योंकि इसका असली रूप और विशेषताएँ बहुत स्पष्ट होती हैं। जब घी में मिलावट होती है, तो उसकी शुद्धता और घनत्व में परिवर्तन होता है, जो आसानी से पहचानने योग्य होता है। इसके अलावा, घी को ठंडा करने पर इसकी प्राकृतिक कठोरता और सख्त रूप से मिलावट की पहचान की जा सकती है।
इसलिए, घी में मिलावट अन्य दूध उत्पादों की तुलना में बहुत कठिन होती है, और इसका परीक्षण भी अपेक्षाकृत सरल है।