दिलेल्या पर्यावरणमूल्ये व पर्यावरण धोके यावर आधारित परिच्छेद पूर्ण करा.
Step 1: संकल्पना ओळख
भारत सरकारने 2005 मध्ये राष्ट्रीय पर्यावरण धोरण (National Environment Policy) जाहीर केले. याचा उद्देश पर्यावरण संवर्धन, प्रदूषण नियंत्रण व शाश्वत विकास साधणे हा आहे.
Step 2: दिल्लीतील पर्यावरण धोके
- झाडांची तोड झाल्यामुळे हरितक्षेत्र कमी झाले.
- वाहनांच्या धुरामुळे वायुप्रदूषण वाढले.
- धुरकट वातावरणामुळे आरोग्यविषयक समस्या वाढल्या.
Step 3: उपाययोजना
- निवारणाचे उपाय: प्रदूषण नियंत्रण कायदे, औद्योगिक उत्सर्जनावर नियंत्रण, सार्वजनिक वाहतूक सुधारणा.
- बचावाचे उपाय: वृक्षारोपण, हरितक्षेत्र वाढवणे, पर्यावरण शिक्षण.
- राष्ट्रीय स्तरावरील उपाय: 2005 चे राष्ट्रीय पर्यावरण धोरण, शाश्वत विकासाची दिशा.
Step 4: निष्कर्ष
दिल्लीतील पर्यावरण धोके कमी करण्यासाठी स्थानिक व राष्ट्रीय पातळीवर उपाययोजना आवश्यक आहेत.
पर्यावरण संवेदनास निवडली दिशा लिहा.
खालील प्रश्नांची उत्तरे लिहा (कोणतीही तीन):
(i) दिवा लावा : पर्यावरण संवेदन.
(ii) समपुष्कजंतु प्राणी व अपुष्कजंतु प्राणी स्पष्ट करा.
(iii) पर्यावरण संवेदनाचा आणि योग व ध्यान दिलेल्या आकृती पूर्ण करा (मूल्यशिक्षण उपयोजन).
(iv) आपली जीवनशैली कोणतीही दोन दाखवा लिहा.
(v) योग व ध्यानाच्या उपयुक्तता कोणतीही दोन लिहा.
Match the correct pair :
\[\begin{array}{ll} \textbf{Column 'A'} & \textbf{Column 'B'} \\ \text{(1) Forest Conservation Act} & \text{(a) 1986} \\ & \text{(b) 1980} \\ & \text{(c) 1970} \\ \end{array}\]
निम्नलिखित मुहावरों में से किसी एक मुहावरे का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए :
(i) मुँह लाल होना
(ii) टाँग अड़ाना
अथवा
अधोरेखांकित वाक्यांश के लिए कोष्ठक में दिए मुहावरों में से उचित मुहावरे का चयन करके वाक्य फिर से लिखिए :
(तिलमिला जाना, काँप उठना)
पंडित बुद्धिराम काकी को देखते ही \underline{क्रोध में आ गए}।
Information Transfer: Answer the following question based on the given tree-diagram.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
आँख खुली तो मैंने अपने-आपको एक बिस्तर पर पाया। इर्द-गिर्द कुछ परिचित-अपरिचित चेहरे खड़े थे। आँख खुलते ही उनके चेहरों पर उत्सुकता की लहर दौड़ गई। मैंने कराहते हुए पूछा "मैं कहाँ हूँ ?"
"आप सार्वजनिक अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में हैं। आपका ऐक्सिडेंट हो गया था। सिर्फ पैर का फ्रैक्चर हुआ है। अब घबराने की कोई बात नहीं।" एक चेहरा इतनी तेजी से जवाब देता है, लगता है मेरे होश आने तक वह इसलिए रुका रहा। अब मैं अपनी टाँगों की ओर देखता हूँ। मेरी एक टाँग अपनी जगह पर सही-सलामत थी और दूसरी टाँग रेत की थैली के सहारे एक स्टैंड पर लटक रही थी। मेरे दिमाग में एक नये मुहावरे का जन्म हुआ। 'टाँग का टूटना' यानी सार्वजनिक अस्पताल में कुछ दिन रहना। सार्वजनिक अस्पताल का खयाल आते ही मैं काँप उठा। अस्पताल वैसे ही एक खतरनाक शब्द होता है, फिर यदि उसके साथ सार्वजनिक शब्द चिपका हो तो समझो आत्मा से परमात्मा के मिलन होने का समय आ गया। अब मुझे यूँ लगा कि मेरी टाँग टूटना मात्र एक घटना है और सार्वजनिक अस्पताल में भरती होना दुर्घटना।
(4) सार्वजनिक रुग्णालयों की स्थिति के बारे में 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।