Question:

'चौपाई' छन्द अथवा 'बरवै' छन्द की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।

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चौपाई छन्द तुलसीदास जी के ग्रंथों में प्रसिद्ध है, जबकि बरवै छन्द लोकगीतों में प्रयुक्त होता है।
Updated On: Nov 15, 2025
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Solution and Explanation

चौपाई छन्द: चौपाई छन्द हिंदी साहित्य में अत्यंत प्रसिद्ध छन्द है, जिसका प्रयोग विशेष रूप से तुलसीदास जी ने 'रामचरितमानस' में किया है। इस छन्द में प्रत्येक चरण में 16 मात्राएँ होती हैं, तथा इसमें तुकबंदी का प्रयोग नहीं किया जाता।
उदाहरण:
"मनुज बिनय जब जाहि न आनी।
बिनय संग तव भय उपजानी॥"
(इसमें प्रत्येक पंक्ति में 16 मात्राएँ हैं, अतः यह चौपाई छन्द है।) बरवै छन्द: बरवै छन्द 13 मात्राओं का छन्द होता है, जिसमें पहला चरण 8 मात्राओं का और दूसरा चरण 5 मात्राओं का होता है। इसमें भावनात्मक अभिव्यक्ति को प्रमुखता दी जाती है। उदाहरण:
"बनवारी जी के संग,
रही हरदम उमंग।"
(इस छन्द में पहले चरण में 8 मात्राएँ और दूसरे चरण में 5 मात्राएँ हैं।)
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