चरण 1: ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य।
18वीं सदी में मुग़ल साम्राज्य के पतन के बाद भारत में राजनीतिक विखंडन बढ़ा—प्रांतीय शक्तियाँ, उत्तराधिकार युद्ध, और आपसी संघर्षों ने केंद्रीय सत्ता को कमजोर किया। इस अस्थिरता ने ईस्ट इंडिया कंपनी जैसी बाहरी शक्तियों को संधि, दख़ल और सैन्य हस्तक्षेप के अवसर दिए।
चरण 2: उपनिवेशवाद की रणनीति।
कंपनी ने डिवाइड-एंड-रूल, सहायक संधि, दीवानी अधिकार, भू-राजस्व व्यवस्थाएँ (स्थायी/रैयतवाड़ी/महलवाड़ी) और आधुनिक सेना/प्रशासन का उपयोग कर शक्ति-संतुलन अपने पक्ष में किया—जो तभी संभव था जब भीतर राजनीतिक स्थिरता कमजोर हो।
चरण 3: अन्य विकल्पों का आकलन।
सांस्कृतिक विविधता अपने आप में कमजोरी नहीं; यह तो भारत की विशेषता है। जातिवाद और क्षेत्रीय तनाव मौजूद थे, पर निर्णायक प्रवेश-द्वार बना राजनीतिक अस्थिरता—इसीने उपनिवेशवादी सत्ता के विस्तार को आसान बनाया। इसलिए सही उत्तर (1) है।