‘भरत राम का प्रेम’ प्रसंग के आधार पर लिखिए कि भरत स्वयं को सभी अनर्थों का मूल क्यों मानते हैं।
“सूक होइ बायस, पयउ चढ़त गिरि बर गहन।
जानु कृपानी सो दयालु, द्रवह सकल कबि मत कहन।”
उपयुक्त पंक्तियों में कौन-सा छंद है?
निम्नलिखित में से शब्दालंकार का भेद नहीं है –
(A) अनुप्रास
(B) श्लेष
(C) उत्प्रेक्षा
(D) रूपक
(E) उत्क्रम
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए :
सूची-I को सूची-II से संबद्ध कीजिए :
| सूची-I (रस) | सूची-II (स्थायी भाव) |
|---|---|
| (A) रौद्र | (II) क्रोध |
| (B) वीर | (I) उत्साह |
| (C) भयानक | (IV) भय |
| (D) शान्त | (III) शंका |
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए :
“वीर तुम बढ़े चलो, वीर तुम बढ़े चलो।
सामने पहाड़ हो कि सिंह की गर्जना हो।”
उपयुक्त पंक्तियों में कौन-सा रस है?
सूची-I को सूची-II से संबद्ध कीजिए :
| सूची-I (लेखक) | सूची-II (रचना) |
|---|---|
| (A) जयशंकर प्रसाद | (III) कामायनी |
| (B) सुमित्रानंदन पंत | (IV) उच्छवास |
| (C) महादेवी वर्मा | (I) यामा |
| (D) सूर्यकांत त्रिपाठी निराला | (II) राम की शक्ति पूजा |
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए :
“One of these days you’re going to talk yourself into a load of trouble,” her father said aggressively. What do you learn about Sophie’s father from these lines? (Going Places)