Question:

‘अपराधी सदैव सशंकित रहता है।’ — इस अर्थ के लिए इनमें से कौन-सी लोकोक्ति उपयुक्त है?

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लोकोक्तियों का अर्थ सीधे-सीधे याद करने के बजाय उन्हें प्रसंग से जोड़कर समझना चाहिए। इससे उनका प्रयोग और पहचान सरल हो जाती है।
Updated On: Sep 19, 2025
  • चोरी का माल मोरी में
  • चोर-चोर मौसेरे भाई
  • चोर की दाढ़ी में तिनका
  • चोर साहू से कहे जागते रहो
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The Correct Option is C

Solution and Explanation

Step 1: प्रश्न का अर्थ।
यहाँ विचार है कि अपराधी हमेशा संदेह में रहता है और डर के कारण अपने ही अपराध को प्रकट कर बैठता है। वह व्यक्ति छोटी-सी बात पर भी चौंक जाता है।
Step 2: विकल्पों का परीक्षण।
- (A) चोरी का माल मोरी में — इसका अर्थ है चोरी का सामान छिपा हुआ रहना। यह उपयुक्त नहीं है।
- (B) चोर-चोर मौसेरे भाई — इसका अर्थ है बुरे कार्य करने वाले लोग आपस में मिल जाते हैं। यह भी यहाँ उपयुक्त नहीं।
- (C) चोर की दाढ़ी में तिनका — यह ठीक वही स्थिति बताता है जब अपराधी स्वयं ही अपने अपराध की ओर संकेत कर देता है क्योंकि उसके मन में सदा शंका रहती है।
- (D) चोर साहू से कहे जागते रहो — इसका अर्थ है दोषी व्यक्ति उल्टा दूसरों को सावधान करता है। यह प्रश्न के अर्थ से मेल नहीं खाता।
Step 3: निष्कर्ष।
अतः “अपराधी सदैव सशंकित रहता है” का सही लोकोक्क्ति-आधारित उत्तर है — “चोर की दाढ़ी में तिनका।”
Final Answer: \[ \boxed{\text{The correct answer is (C) चोर की दाढ़ी में तिनका.}} \]
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