रोग-स्वभाव:
एचआईवी सीडी4 कोशिकाएँ नष्ट करता है, जिससे टीबी, पीसीपी, कैंडिडा जैसे संक्रमण आसानी से सक्रिय होते हैं। बिना उपचार के, प्रगतिशील प्रतिरक्षी-विघटन जीवन-घातक जटिलताओं को जन्म देता है।
सामाजिक समस्याएँ:
अज्ञान और मिथक कलंक पैदा करते हैं—रोज़गार, विवाह, शिक्षा और स्वास्थ्य-सेवा तक पहुँच बाधित होती है। गोपनीयता उल्लंघन व जेंडर-आधारित हिंसा विशेषकर महिलाओं/एलजीबीटीक्यू+ समुदाय को प्रभावित करती है।
स्वास्थ्य-तंत्र चुनौतियाँ:
समय पर जाँच (पीआईटीसी, सामुदायिक स्क्रीनिंग), एआरटी की सतत आपूर्ति, वायरल-लोड मॉनिटरिंग, सह-रोगों का प्रबंधन, तथा किशोर/गर्भवती के अनुकूल सेवाएँ आवश्यक हैं।
निवारण व नीति:
कन्डोम/सुई-विनिमय, एचआईवी परीक्षण-परामर्श, पीईपी/PrEP, पीएमटीसीटी, और समावेशी कानून/कार्यस्थल नीतियाँ संक्रमण घटाती हैं। समुदाय-आधारित संगठनों और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का एकीकरण उपचार-पालन व गरिमा बढ़ाता है।