आत्म–सम्मान के स्रोत—योग्यता का अनुभव, सार्थक सम्बन्ध, मूल्य–अनुरूपता और आत्म–स्वीकृति। इसे बढ़ाने के उपाय: छोटे–छोटे प्राप्ति–लक्ष्य, नकारात्मक स्व–संवाद को चुनौती (CBT शैली), ताकत–आधारित फीडबैक, स्व–करुणा अभ्यास। सोशल मीडिया तुलना आत्म–सम्मान घटा सकती है; इसलिए तुलना कम और अपनी प्रगति–ट्रैकिंग अधिक रखें। अभिभावक और शिक्षक प्रक्रिया–प्रशंसा तथा गर्मजोशी भरा समर्थन देकर स्थायी आत्म–सम्मान पोषित कर सकते हैं।