Question:

'आहारीय मिलावट' क्या है?

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आहारीय मिलावट को रोकने के लिए खाद्य सुरक्षा कानूनों का पालन और सख्ती से निरीक्षण आवश्यक है।
  • खाद्य पदार्थों का मिश्रण
  • बिना उचित अनुमति के खाद्य पदार्थों में अन्य सामग्री का मिश्रण
  • खपत के लिए अनुपयुक्त सामग्री का मिश्रण
  • खाना पकाने के विभिन्न तरीकों का प्रयोग
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The Correct Option is B

Solution and Explanation

आहारीय मिलावट वह प्रक्रिया है जिसमें खाद्य पदार्थों में अवांछनीय और बिना अनुमति के सामग्री मिलाई जाती है। यह मिलावट खाद्य सुरक्षा और उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकती है। आहारीय मिलावट से खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता घट जाती है और इसमें हानिकारक रसायन, ताजगी की कमी, या अप्राकृतिक तत्व मिल सकते हैं, जो स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं। आहारीय मिलावट के कई रूप होते हैं, जिनमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित शामिल हैं:
रसायनिक मिलावट (Chemical Adulteration): इसमें खाद्य पदार्थों में हानिकारक रासायनिक तत्व मिलाए जाते हैं, जैसे हानिकारक रंग, प्रिज़र्वेटिव्स, और अन्य विषैले रसायन। यह मिलावट मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक खतरनाक हो सकती है और कई तरह की बीमारियाँ उत्पन्न कर सकती है। उदाहरण के लिए, मिलावटी रंगों का उपयोग खाने के पदार्थों में किया जा सकता है, जो अंततः कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
भौतिक मिलावट (Physical Adulteration): इसमें खाद्य पदार्थों में अवांछनीय भौतिक तत्व मिलाए जाते हैं, जैसे धूल, मिट्टी, कीड़े, या अन्य अशुद्धियाँ। ये मिलावट खाद्य पदार्थों की स्वच्छता और गुणवत्ता को प्रभावित करती है, और उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य को खतरे में डाल सकती है।
जैविक मिलावट (Biological Adulteration): इसमें खाद्य पदार्थों में बैक्टीरिया, फंगस, या अन्य सूक्ष्मजीवों की मिलावट होती है। यह मिलावट खाद्य सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करती है और खाद्य पदार्थों को रोगजनक बना सकती है, जिससे उपभोक्ताओं में खाद्य जनित रोग उत्पन्न हो सकते हैं, जैसे टायफॉयड, डायरिया, और हेपेटाइटिस जैसी बीमारियाँ।
प्राकृतिक मिलावट (Natural Adulteration): यह मिलावट तब होती है जब किसी प्राकृतिक तत्व को अवांछनीय रूप से मिलाया जाता है। उदाहरण के लिए, मसालों में पत्थर या बाल मिलाना, या दूध में पानी मिलाना। यह भी खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता को घटित करता है और उपभोक्ता के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। आहारीय मिलावट से होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों में पाचन तंत्र की समस्याएँ, एलर्जी, और गंभीर स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ शामिल हो सकती हैं। इससे खाद्य पदार्थों की असल गुणवत्ता प्रभावित होती है और उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ सकता है। यह प्रथा खाद्य सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करती है और यह उपभोक्ताओं को सीधे नुकसान पहुँचाती है। आहारीय मिलावट का पता लगाने के लिए सरकारें और खाद्य सुरक्षा एजेंसियाँ नियमित निरीक्षण करती हैं और मिलावटी उत्पादों को बाजार से हटाने के लिए कड़े कदम उठाती हैं। आधुनिक समय में, खाद्य सुरक्षा के लिए सरकार ने कई नियम और कानून बनाए हैं, जैसे FSSAI (Food Safety and Standards Authority of India), जो खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कार्य करती है। इसके अलावा, उपभोक्ताओं को भी खाद्य पदार्थों की जांच करते समय सावधानी बरतने की आवश्यकता है और मिलावट से बचने के लिए प्रमाणित और सुरक्षित उत्पादों का चयन करना चाहिए। इस प्रकार, आहारीय मिलावट एक गंभीर समस्या है, जिसे हल करने के लिए कड़ी निगरानी, जागरूकता और उचित खाद्य सुरक्षा मानकों का पालन आवश्यक है। इसके बिना, हमारे स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं।
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