Question:

विशेष लेखन की भाषा-शैली सामान्य लेखन से अलग कैसे है ? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए। 
 

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विशेष लेखन = गहराई + दृष्टिकोण + शैली — यह तीनों तत्व ही इसे ‘विशेष’ बनाते हैं।
Updated On: Jul 22, 2025
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Solution and Explanation

विशेष लेखन (विश्लेषणात्मक लेख, संपादकीय, स्तंभ आदि) की भाषा सामान्य समाचार लेखन से भिन्न होती है, क्योंकि इसमें गहराई, वैचारिकता और शैली का अधिक प्रयोग होता है।
भाषा-शैली की भिन्नताएँ:
(1) विशेष लेखन में विचार प्रधान भाषा, उपमाओं, उदाहरणों और चिंतनशील वाक्य होते हैं।
(2) यह लेख केवल सूचना नहीं देता, बल्कि उसका विश्लेषण और व्याख्या भी करता है।
(3) सामान्य लेखन में वाक्य छोटे, तथ्यात्मक और स्पष्ट होते हैं, जैसे — “मौसम विभाग ने भारी वर्षा की चेतावनी दी है।”
(4) जबकि विशेष लेखन में भाषा होगी — “बढ़ती वर्षा न केवल कृषि की रीढ़ है, बल्कि जनजीवन की धुरी भी।”
(5) विशेष लेखन में लेखक की शैली और दृष्टिकोण झलकता है, जैसे — “भारत की लोकतांत्रिक नींव जब भी डगमगाती है, मीडिया को आईना बनना होता है।”
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