मापन क्रम समझें। राष्ट्रीय आय से निगमित आय कर, अप्रितरित लाभ आदि समायोजित कर और हस्तांतरण जोड़कर वैयक्तिक आय मिलती है; यह सभी व्यक्तियों द्वारा प्राप्त सकल आय है। इससे व्यक्तिगत प्रत्यक्ष कर तथा अनिवार्य अंशदान घटाएँ तो वैयक्तिक प्रयोज्य आय प्राप्त होती है। यही वह नकदी प्रवाह है जो परिवार उपभोग और बचत के बीच बाँटते हैं, इसलिए उपभोग फलन और गुणक विश्लेषण में यह प्रमुख चर है। नीति‑निर्माता कर दरों और हस्तांतरणों को बदलकर प्रयोज्य आय पर प्रभाव डालते हैं जिससे सामूहिक माँग नियंत्रित होती है। ध्यान दें कि प्रयोज्य आय निजी आय से नहीं, वैयक्तिक आय से निकाली जाती है।